डेड ब्रेन (अंगदान) से लिवर प्रत्योरोपित का पहला टास्क

*संस्कारधानी से राजधानी तक बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर*
*जबलपुर-नरसिंहपुर-रायसेन- भोपाल का जिला प्रशासन-पुलिस प्रशासन की देखरेख में ग्रीन कॉरिडोर से गुजरेगा काफिला*
*पहली बार डेड ब्रेन से सर्जरी कर लिवर का होंगा प्रत्योरोपित*
*ग्रीन कॉरिडोर पर प्रशासनिक एवम पुलिस चाक चौबंद*

*जबलपुर के दमोह नाका स्थित मेट्रो प्राइम हॉस्टिपल में पहली बार ब्रेन डेड मरीज का लिवर दान किया गया जिसका प्रत्योरोपित प्रक्रिया जारी है। दान किए गए लिवर की सर्जरी भोपाल के बसंल अस्पताल में भर्ती एक मरीज पर की जाएगी। डॉक्टर की टीम जबलपुर मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल से लिवर लेकर ग्रीन कॉरिडोर सड़क मार्ग से भोपाल पहुंचेगी जिसके बाद वहां सर्जरी की जाएगी। मालूम हो कि बड़ेरिया मेट्रो प्राइम मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल द्वारा शुरू की गई अंगदान की मुहिम अब रंग ला रही है। अस्पताल के द्वारा किए गए अंगदान से संबंधित कार्यक्रमों से प्रेरित होकर मरीज और उनके परिजन अब अंगदान हेतु सार्थक पहल कर रहे हैं. इसी के तहत कंचन विहार विजयनगर में रहने वाले 64 वर्षीय राजेश सराफ के परिजन अंगदान करने के लिए राजी हुए और उन्होंने भोपाल के अस्पताल में भर्ती एक मरीज को लीवर दान करने का निर्णय लिया*
*मरीज के परिजन पीयूष सराफ उम्र 40 वर्ष पेपर व्यवसायी ने बताया कि मरीज के छोटे भाई से चर्चा करके इस काम में पूरा सहयोग करने की सहमति दी इसको उपरांत तुरंत सारी औपचारिकताएं पूरी की गई* *जिसमें अंगदान के लिए बनी स्टेट कमिटी इंदौर को सूचित किया गया एक मरीज जो कि भोपाल में था और जिसको लीवर की सख्त आवश्यकता थी जिसकी बीमारी काफी हद तक बढ़ चुकी थी. दोनों का ब्लड ग्रुप समान पाए जाने पर भोपाल के बंसल अस्पताल द्वारा एवं मरीज के परिजनों द्वारा सहमति देने पर यह निर्धारित किया गया कि जबलपुर से ग्रीन कारीडोर बनाकर लीवर को ले जाया* *जाएगा इससे पहले मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल में ऑपरेशन के द्वारा मरीज का लिवर निकाला जा रहा है, जहाँ पर मरीज को वह लिवर प्रत्यारोपित किया जाएगा इसके लिए प्रशासन के द्वारा ग्रीन* *कॉरिडोर मेट्रो अस्पताल जबलपुर से बंसल हॉस्पिटल भोपाल तक बनाया गया जिसमें चार जिलों जबलपुर-नरसिंहपुर-रायसेन- भोपाल में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ग्रीन कॉरिडोर सड़क मार्ग पर विशेष व्यवस्था कर उक्त टास्क को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा*