विद्या की देवी मां सरस्वती की पुजा इस साल 14 फरवरी को मनाई जाएगी.जिसे लेकर देश भर में तैयारी जोर शोर से चल रही है. पूरे देश में विद्यादायिनी,हंसवाहिनी मां सरस्वती की मूर्तियां बनाई जा रही है. इस साल सरस्वती पूजा के दिन रवि योग और रेवती योग का अदभुत संयोग बन रहा है. यह समय अत्यंत शुभ है.इस दौरान कोई भी कार्य करने से सफलता प्राप्त होगी.रवि योग और रेवती नक्षत्र 14 फरवरी को सुबह 10 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर 15 फरवरी सुबह 7 बजे तक रहेगा.
गुमला के प्रसिद्ध पुजारी हरिशंकर मिश्रा ने कहा कि वैदिक पंचाग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है. इस वर्ष 14 फरवरी दिन बुधवार को मां सरस्वती की पूजा आराधना करने का शुभ योग बन रहा है. इस दिन 4 अति उत्तम शुभ योग बन रहे हैं. रवि योग ,शुभ योग,शुक्ल योग और रवि नक्षत्र. इस समय पूजा पाठ करना अति शुभ माना जाता है.

मिलता है सुख समृद्धि और शांति
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सरस्वती की उपासना करने से मनुष्य को सुख, शांति, समृद्धि,विद्या प्राप्त होती है. माघ शुक्ल पंचमी 13 फरवरी दिन मंगलवार को दोपहर 2:41 से शुरू होगी जो 14 फरवरी दिन मंगलवार को दोपहर 12 :09 में समाप्त होगी.वहीं 14 फरवरी को सरस्वती पूजा के लिए सुबह 7:01 बजे से दोपहर 12.35 बजे तक अति शुभ मुहूर्त बन रहा है.यानि की 5 घंटे 35 मिनट का शुभ मुहूर्त है.इस दौरान पूजा करना अत्यंत शुभ रहेगा.इस दौरान मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने से ज्ञान की देवी प्रसन्न होगी. बल, बुद्धि, विद्या,ज्ञान का वर देगी.शास्त्रों के अनुसार मां सरस्वती विद्या व संगीत की देवी है.जो लोग रोजाना मां सरस्वती की पूजा अर्चना, उपासना करते हैं. उन्हें सभी सिद्धि की प्राप्ति होती है.व जीवन में सफलता मिलती है.

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