नई दिल्ली। पिछले साल वनडे विश्व कप के ठीक बाद नवंबर में दिल्ली में बीसीसीआई पदाधिकारियों, कोच राहुल द्रविड़, मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर और रोहित शर्मा (ऑनलाइन) के बीच बैठक हुई थी। उस बैठक में अधिकतर लोग इस बात पर सहमत थे कि 2024 में अमेरिका और वेस्टइंडीज में होने वाले टी-20 विश्व कप में विराट कोहली टीम में जगह बनाने के स्वभाविक दावेदार नहीं हैं।

रोहित के अलावा विराट ने 2022 टी-20 विश्व कप के बाद से 2023 वनडे विश्व कप तक कोई भी टी-20 मैच नहीं खेला था। इस साल अफगानिस्तान के विरुद्ध तीन मैचों की टी-20 सीरीज से ठीक पहले विराट ने इस प्रारूप में खेलने की इच्छा जताई, यही नहीं उन्होंने टी-20 विश्व कप के लिए भी खुद को उपलब्ध बता दिया इसके बाद से टीम प्रबंधन ऊहापोह में था।

विराट कोहली ने कर दिया स्‍पष्‍ट

बीसीसीआई के कुछ शीर्ष पदाधिकारी भी विराट को बाहर करके, खासतौर पर चुनावी मौसम में विवाद पैदा करने के इच्छुक नहीं थे। उन्होंने विराट के कद और नाम को देखते हुए रोहित, द्रविड़ और अजित अगरकर को संकेत दे दिए थे। इसके बाद विराट ने अभी चल रहे आईपीएल के सात मैचों में एक शतक सहित 350 से ज्यादा रन बनाकर आरेंज कैप हासिल कर ली।

सूत्रों के मुताबिक कुछ समय पहले विराट ने टीम प्रबंधन से उनके टी-20 विश्व कप में खेलने पर स्पष्टता मांगी थी। जानकारी के अनुसार टीम प्रबंधन ने उन्हें इस पर स्पष्टता दे भी दी है।

पिछले सप्ताह मुंबई में बीसीसीआई मुख्यालय में द्रविड़, अगरकर और रोहित के बीच जून में होने वाले विश्व कप में जाने वाली टीम पर चर्चा हुई। चूंकि विराट आईपीएल में ओपनर के तौर पर खेलते हैं तो विश्व कप में रोहित और विराट को ओपनर के तौर पर उतारने को लेकर भी बात हुई।

दो युवाओं की बढ़ेंगी मुसीबतें

हालांकि ऐसी स्थिति में यशस्वी जायसवाल का अंतिम-11 से पत्ता कट जाएगा। अगर रोहित-विराट ओपनिंग करेंगे तो यशस्वी और शुभमन गिल में से किसे वैकल्पिक ओपनर के तौर पर ले जाना है उस पर भी चर्चा हुई। जब बैठक हुई थी तब तक के आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर गिल का पलड़ा भारी था।

यशस्वी ने इंग्लैंड के विरुद्ध टेस्ट सीरीज में दो दोहरे शतक सहित 700 से ज्यादा रन बनाए थे। आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करने वाले असम के युवा आलराउंडर रियान पराग को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई। अगर वह अगले कुछ मैचों में अपने प्रदर्शन को बरकरार रखते हैं तो वह भी 15 सदस्यीय टीम में जगह बनाकर अमेरिका की फ्लाइट पकड़ सकते हैं।

मयंक का कटा पत्‍ता

अपनी गति से बल्लेबाजों के लिए सिरदर्द बने दिल्ली के युवा तेज गेंदबाज मयंक यादव के नाम पर भी बैठक में चर्चा हुई, लेकिन उनका चोटिल होना उनके विरुद्ध गया है। चयनकर्ताओं का मानना है कि मयंक को ले जाना एक जोखिम भरा निर्णय हो सकता है।

हार्दिक की गेंदबाजी पर नजर

बैठक में हार्दिक पांड्या को स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर उन्हें टीम में जगह बनानी है तो बाकी बचे आईपीएल मैचों में गेंदबाजी से कमाल दिखाना होगा। चयनकर्ताओं का मानना है कि पांड्या की टीम में वापसी तभी होगी, जब वो लगातार अच्छी गेंदबाजी करें। पांड्या ने आईपीएल में निरंतर गेंदबाजी नहीं की है और छह मैचों में केवल चार मैचों में ही गेंदबाजी की है।

पांड्या की इकोनोमी 12 की रही है और उन्होंने केवल तीन ही विकेट लिए हैं। बल्ले से भी वह प्रभावित नहीं कर पाए हैं और छह मैचों में केवल 131 रन ही बना पाए हैं। वहीं आईपीएल में सभी खिलाड़‍ियों पर नजर रख रहे चयनकर्ता तेज गेंदबाज ऑलराउंडर के रूप में हार्दिक के स्थान पर बाएं हाथ के आलराउंडर शिवम दुबे में दिलचस्पी दिखाई है।

शिवम दुबे पर सभी की निगाहें

तेज गेंदबाजों के विरुद्ध दुबे की पावरहिटिंग मध्यक्रम को ताकत देती है, लेकिन उनके साथ सबसे बड़ी समस्या है कि सीएसके ने उनका इस्तेमाल इंपैक्ट खिलाड़ी के रूप में ज्यादा किया है, जिससे उन्हें गेंदबाजी का मौका नहीं मिल पाया है। ऐसे में अगर उनका चयन होता है तो गेंदबाजी में वह कितना प्रभावी होंगे, ये थोड़ी चिंता का विषय है।

मालूम हो कि रोहित को हटाकर हार्दिक को मुंबई इंडियंस का कप्तान बनाया गया है जबकि रोहित भारतीय टी-20 टीम के कप्तान हैं। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने इंग्लैंड के विरुद्ध पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान राजकोट में रोहित को कप्तान और हार्दिक को उपकप्तान बताया था। ऐसे में रोहित के लिए हार्दिक को प्रदर्शन के आधार पर हटाना आसान नहीं होगा।

अप्रैल के आखिर में चयनकर्ताओं की बैठक होगी जिसमें 15 सदस्यीय भारतीय टीम का चयन होगा। यही नहीं इसमें पांच अतिरिक्त खिलाड़ी भी जाएंगे जो खिलाड़‍ियों के चोटिल होने की स्थिति में विकल्प बनेंगे क्योंकि अमेरिका और वेस्टइंडीज में तुरंत वैकल्पिक खिलाड़ी भेजना आसान काम नहीं है।