हिन्दू संस्कृति में तुलसी के पौधे को देवी के रूप में पूजा जाता है। यही कारण है कि अधिकांश घरों में तुलसी को पूजा स्थल या किसी पवित्र स्थान पर स्थापित किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस घर में नितदिन तुलसी की उपासना की जाती है और शाम के समय तुसली को धूप-दीप दिखाया जाता है, उन पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।बता दें कि नितदिन तुलसी माता की पूजा करने से भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर कर देते हैं। लेकिन वास्तु शास्त्र में तुलसी पूजा से जुड़े कई उपाय और नियमों को बताया गया है।

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी के पौधे को सूर्यास्त के बाद नहीं छूना चाहिए। बल्कि शाम के समय बिना हाथ लगाए पौधे के निकट धूप-दीप जलाकर पूजा करनी चाहिए। शाम के समय तुलसी को स्पर्श करने से माता लक्ष्मी क्रोधित हो जाती हैं।
  • वास्तु शास्त्र में यह भी बताया गया है कि रात के समय तुलसी के पौधे में पानी नहीं डालना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में विघ्न उत्पन्न हो सकते हैं। हो सके तो सुबह के समय या सूर्यास्त के कुछ समय पहले तुलसी के पौधे में पानी डालें।
  • मान्यता है कि प्रत्यके रविवार व एकादशी तिथि के दिन तुलसी का स्पर्श वर्जित है। साथ ही इस दिन तुलसी के पौधे में जल चढ़ाने की भी मनाही है। इसके साथ इस दिन तुलसी की पत्तियां भी ना तोड़े। इस नियम की अनदेखी करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी क्रोधित हो जाते हैं।
  • वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि तुलसी को हमेशा स्वच्छ और पवित्र स्थान पर रखना चाहिए। साथ ही सुबह शाम तुलसी के सामने दीपक जलानी चाहिए। ऐसा करने से साधकों पर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।