चुनाव से पहले रिलीज की कतार में लगी एक और सियासी फिल्म 'रजाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद’ के ट्रेलर लांच पर शनिवार को कंगना रणौत ने फिल्म से जुड़े लोगों का हौसला बढ़ाया। कंगना कहती हैं, ‘इस फिल्म में न तो मैंने काम किया है और न ही इस फिल्म का हिस्सा हूं। मैंने दो दिन पहले ट्रेलर देखा और मुझे बहुत पसंद आया। मुझे लगा कि ऐसी फिल्मों को प्रमोट करना चाहिए।’ फिल्म 'रजाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद’ में देश की आजादी  के समय हैदराबाद में हुए नरसंहार को दिखाया गया है। इस फिल्म में एक ऐसी घटना के बारे में बताया गया जिसे फिल्म बनाने वालों को मुताबिक देश को अब तक नहीं बताया गया।

अभिनेत्री कंगना रणौत ने इस मौके पर कहा, 'हमने किताबों में सिर्फ नेहरू और गांधी के बारे में ही पढ़ा है। ऐसा नहीं कि सिर्फ आज ही पीआर का चलन है। उस जमाने में भी पब्लिसिटी का बहुत चलन था। यहां तक कि यह चलन राजाओं और महाराजाओं के जमाने से होता आ रहा है। उनके दरबार में जो नौरत्न होते थे, वह उनके बारे में लिखा करते थे। जो अपनी मार्केटिंग और पब्लिसिटी करते थे और इनको आज दुनिया जानती है।  नेहरू और गांधी विदेश में जा करके इंटरव्यू देते रहते थे। अगर वह 100 लोगों को भी लेकर निकलते तो पूरा विश्व उनके बारे में बात करता था।'

अभिनेत्री कंगना रणौत ने कहा, 'मैं सरदार वल्लभभाई पटेल को शिव का अवतार मानती हूं। जिस तरह से भगवान शिव ने सती के शरीर को पकड़कर रखा। उसी तरह से सरदार वल्लभभाई पटेल ने  देश को एक सूत्र में पकड़ कर रखा। आजादी  मिलने के बाद भारत की एकता को बचाया है। देश की आत्मा को बचाया है। आज हमें 'रजाकार' जैसी फिल्मों  की जरूरत हैं, मैं चाहती हूं कि इस फिल्म के माध्यम से हम इस तरह की घटनाओं को पर्दे पर देखे। भारत की आजादी के बाद 396 दिन के बाद हैदराबाद को आजादी मिली। फिल्म ‘रजाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद’ के ट्रेलर लांच पर मकरंद देशपांडे, राज अर्जुन, बॉबी सिम्हा, वेदिका, तेज सप्रू, अनुसूया त्रिपाठी भी मौजूद रहे। फिल्म के निर्देशक हैं सत्यनारायण। फिल्म हिंदी के अलावा तेलुगु, तमिल, कन्नड़, और  मलयालम में एक साथ 1 मार्च को रिलीज होगी।