भोपाल । मतदान की प्रक्रिया खत्म होने के बाद अब मंत्रालय की रौनक लौटने वाली है। सोमवार से मंत्रालय और डायरेक्टोरेट के दफ्तरों में अधिकारियों की मौजूदगी के साथ फाइलों के मूवमेंट बढऩे शुरू हो जाएंगे। जनसुनवाई और जनता की समस्याओं से जुड़े ऐसी सरकारी सेवाएं भी आयोग की अनुमति से जल्द शुरू हो सकती है जिसका प्रभाव मतगणना में नहीं पडऩे वाला है।
चुनाव आचार संहिता लगने के बाद प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्ष कैडर के अफसरों ने फाइलों का मूवमेंट रोक दिया था ताकि नई सरकार के बनने तक किसी तरह के विवाद की स्थिति न बन सके। अब जबकि 17 नवंबर को मतदान हो चुका है तो शासकीय नीतियों से जुड़े मसलों को छोडक़र विभागों में अन्य सभी कामों से संबंधित फाइलों का मूवमेंट शुरू होगा। मतदान के बाद शनिवार और रविवार अवकाश के चलते अब यह माना जा रहा है कि 20 नवंबर से दफ्तरों में चहल पहल तेज हो जाएगी। अधिकारियों की बैठकों का दौर भी शुरू हो जाएगा और गैर विवादित विकास कार्यों और अन्य महत्वपूर्ण कामों से संबंधित फाइलों के निपटारे होने लगेंगे।
जनसुनवाई हो सकती है शुरू
इस मामले में सबसे अहम जिलों में बंद हुई जनसुनवाई को माना जा रहा है क्योंकि जनसुनवाई बंद होने से शहरी और ग्रामीण इलाकों के नागरिकों की समस्याओं पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। पेंशन और मूलभूत सेवाओं से संबंधित नागरिक सेवाओं पर भी काम शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही समाधान केंद्रों से मिलने वाली सेवाओं को लेकर भी कसावट की स्थिति बन सकती है।