मध्य प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री इन दिनों आपस में उलझने में व्यस्त है, नौबत एक-दूसरे के कपड़े फाड़ने तक की आ चुकी है। दरअसल, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेता दिग्विजय सिंह के कपड़ा फाड़ देने की बात कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों के इस आचरण को देखकर जनता को लग रहा है कि जिन नेताओं के बीच अभी से नहीं बन रही है, वह सरकार में आ गए तो जनता का जीना दुश्वार कर देंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का भी मानना है कि कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी और कलह के साथ परिवारवाद के कारण मध्य प्रदेश की जनता हर बार ठगी जा रही है। बीते विधानसभा चुनाव के बाद 15 महीने की सरकार को जनता काला अध्याय मानती है। 

असल में,  सोशल मीडिया में सोमवार को एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में कमलनाथ शिवपुरी से आए असंतुष्ट नेताओं से कह रहे हैं कृपया आप लोग यहां गदर मत कीजिए। दिग्विजय सिंह और जयवर्धन के पास जाइए और उनके कपड़े फाड़िए। विरोध जता रहे लोग शिवपुरी के कोलारस से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी के समर्थक थे। इस बार रघुवंशी का टिकट कट गया है। इसी के चलते उनके समर्थक टिकट बदलने की मांग करने कमल नाथ से मिलने आए थे।

खंड-खंड में बंटी कांग्रेस को केवल अपने परिवार की चिंता 

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब कमलनाथ और दिग्विजय सिंह एक-दूसरे के लिए इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग करते हैं। इससे पहले भी कई गुटों में बंटी कांग्रेस को जनता के हितों की चिंता नहीं होती है। ये नेता केवल और केवल अपने परिवार का हित देखते हैं। दिग्ग्विजय चाहते हैं कि कांग्रेस की सरकार बनने की स्थिति में उनके बेटे जयवर्धन सिंह मुख्यमंत्री बनें। वहीं कमलनाथ खुद को भावी मुख्यमंत्री बताते हुए अपने बेटे नकुलनाथ को प्रदेश के भविष्य के सबसे बड़े कांग्रेस नेता के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं। इसी खींचतान में दिग्विजय अपने सगे छोटे भाई लक्ष्मण सिंह का टिकट भी काटने के पक्षधर थे। दिग्गी राजा का गणित भांप चुके कमलनाथ ने उनकी इच्छा को दरकिनार कर लक्ष्मण सिंह को चाचौड़ा से फिर टिकट दे दिया। भावी सीएम की रेस में दोनों नेताओं के बीच अपने-अपने समर्थकों को ज्यादा से ज्यादा टिकट देने की होड़ चल पड़ी है। 

कमल नाथ और नकुलनाथ ही ‘नाथ’ बाकी सब ‘अनाथ’ 

पिछले एक महीने में बयानों को देखें तो ऐसा लग रहा है जैसे कांग्रेस में कमलनाथ और सांसद बेटे नकुलनाथ की ‘मनमर्जियां’ चल रही हैं और तमाम दावों के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश के फैसलों से गायब हो गए हैं। सबकुछ कमलनाथ की मनमर्जी से हो रहा है। पहले कमलनाथ कहते हैं कि वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, फिर कहते हैं केंद्रीय नेतृत्व चुनाव लड़ने का फैसला करेगा, अगले दिन उनके बेटे नकुल बोलते हैं कि कमलनाथ छिंदवाड़ा से लड़ेंगे और हुआ भी वही। सोमवार को कमलनाथ ने कहा कि छिंदवाड़ा की 6 सीटों पर कौन चुनाव मैदान में उतरेगा, इसका फैसला नकुलनाथ करेंगे और घोषणा छिंदवाड़ा में की जाएगी। इसके फौरन बाद नकुल नाथ छिंदवाड़ा में घोषणा करते हैं कि अमरवाड़ा से कमलेश प्रताप और परासिया से सोहनलाल वाल्मिकी चुनाव लड़ेंगे। जबकि दोनों के हारने की बात राहुल गांधी के सर्वे में आ चुकी है। यानी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से भी बढ़कर हो गए हैं कमलनाथ और नकुलनाथ।