जबलपुर। रंगों का अलमस्त त्यौहार होलिकोत्सव पर शहर में स्थापित की गई सैकड़ों होलिका प्रतिमाओं का गुरुवार की रात दहन किया गया। अनेक स्थानों पर एक दिन पूर्व ही होलिका स्थापित कर दी गई थी। शाल ढलते ही बाजार गुलजार हो गये थे लोगों ने रंग पिचकारी मेवा मिष्ठान की खरीदी की और इसके बाद रात नौ बजे के बाद सड़कों पर होली के हुलियारे शराब के नशे में मदमस्त होकर हुड़दंग मचाने लगे थे। खासकर जहां पर होलिका प्रतिमाएं रखी गई थी वहां डीजे साउंड लगाकर हुलियारे नाचते गाते रहे। रात १० बजे के बाद पुलिस ने सख्ती प्रारंभ की। जिला दण्डाधिकारी द्वारा त्यौहारों के मद्देनजर प्रतिबंधात्मक धारा १४४ लागू कर दी गई थी जिससे पुलिस ने रात १० बजे के बाद होलिका प्रतिमाओं का दहन प्रारंभ करवा दिया था। इक्का-दुक्का स्थानों को छोड़कर सभी मुख्य मार्ग पर रखी गई होलिका प्रतिमाओं का दहन रात ११ बजे तक कर दिया गया। वैसे भी होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात ०८.३० बजे से ११.०० बजे तक था लेकिन शांति समिति की बैठक में होलिका दहन की समय सीमा रात ११ बजे तय की गई थी। लिहाजा पुलिस ने ११ बजे से होलिका दहन कराने के लिए दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया था। तमाम प्रतिबंध के बावजूद गली वूâचों और कालोनियों में डीजे साउंड बजते रहे। छुटपुट घटनाओं को छोड़कर आमतौर पर शांतिपूर्ण माहौल में होलिका प्रतिमाओं का दहन किया गया। पुलिस ने लगातार पेट्रोलिंग की और फिक्स प्वाइंटों पर चहल कदमी करते रहे। 

होली पर भी छाया मंहगाई बेरोजगारी और कोरोना का साया...
बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक होलिकोत्सव पर इस बार मंहगाई और बेराजगारी और कोरोना का साया छाया रहा। एक तरफ बाजारों में मंदी छायी रही वहीं होलिका प्रतिमाओं को कहीं मंहगाई के प्रतीक में कहीं बेरोजगारी के प्रतीक में कहीं गैस मूल्य वृद्धि की झांकी के रूप में स्थापित किया गया था। गढ़ाफाटक में मंहगाई, बेरोजगारी की झांकी रखी गई थी, वहीं गुलौआ चौक में बच्चों ने ही ऐसा प्रयास किया था, वहीं विजय नगर में विजय नगर में प्रदूषण और हानिकारक पॉलीथीन की होलिका प्रतिमा का दहन किया। इसी तरह सब्जीमंडी निवाड़गंज में कोरोना रुपी होलिका प्रतिमा का दहन किया गया। हालांकि गत वर्ष के मुताबिक इस वर्ष होलिका कम रही, अधिकांश स्थानों पर भूसा, वंâडे, लकड़ी एकत्रित कर होलिका के रुप में जलाई गई।