लंदन । धरती काफी तेजी से गर्म हो रही है। वैज्ञान‍िकों का अनुमान है क‍ि अगले कुछ वर्षों में धरती का तापमान लगभग 1.5 ड‍िग्री तक बढ़ेगा। इससे दुनिया के कई ह‍िस्‍सों में सूखा पड़ेगा। अकाल की नौबत आएगी और लाखों लोगों के मारे जाने की आशंका है। इसल‍िए वैज्ञान‍िक वर्षों से धरती को और गर्म होने से रोकने की कोश‍िशों में जुटे हैं। इसी कड़ी में कुछ अमेर‍िकी वैज्ञान‍िकों ने एक नई तरकीब खोजी है। उनका मानना है कि अगर सिर्फ ये कर ल‍िया जाए तब धरती का तापमान बढ़ने से रोका जा सकता है। 
पानी का वाष्प एक कुदरती ग्रीनहाउस गैस है। यह गर्मी को पार नहीं जाने देता। यह ठीक उसी तरह काम करता है, जैसे कोयला, तेल या गैस के जलने पर निकलने वाली कार्बन डाईऑक्साइड गैस करती है। इसल‍िए यह कार्बनडाई ऑक्‍साइड की तरह ही खतरनाक है। इसीलिए वैज्ञान‍िकों का मानना है कि अगर धरती ऊपरी वातावरण में मौजूद इन वाष्‍प को सुखा दिया जाए तब गर्मी को बाहर निकलने का रास्‍ता मिलेगा। इससे धरती का तापमान कम हो जाएगा, यानी धरती ठंडी हो जाएगी। 
रिपोर्ट में कहा गया है क‍ि वैज्ञान‍िक वातावरण के उस हिस्से में बर्फ फेंकना चाहते हैं, ताकि वह ह‍िस्‍सा ठंडा हो जाए। हालांकि, इसके कई खतरे भी हैं। 
इस तुरंत लागू नहीं कर सकते, इसमें और रिसर्च की जरूरत है। लेकिन यह एक अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है, जिससे हम धरती को बचा सकते हैं। हम अत्‍याधु‍न‍िक विमान के द्वारा धरती से 17 किलोमीटर की ऊंचाई पर बर्फ के कणों को हवा में फेंकने की बात कह रहे हैं। बर्फ वाष्पकणों को ठंडा कर देगा। लेकिन इसके ल‍िए क‍ितने बर्फ की जरूरत होगी? इस सवाल पर उन्‍होंने कहा, हर हफ्ते दो टन बर्फ हवा में छोड़नी होगी। ऐसा करने से तापमान 5 डिग्री तक कम हो सकता है। बहुत ज्यादा कमी नहीं होगी, और प्रदूषण में भी कमी आएगी।