नई दिल्‍ली। दालों की जमाखोरी पर अंकुश लगाने व कीमतों को नीचे लाने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। सरकार ने वायदा कारोबार से जुड़े व्यापारियों को चेताया है कि दाल की जमाखोरी करने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। आधिकारिक बयान के मुताबिक, दाल के भंडार की ऑनलाइन निगरानी की कवायद के बीच उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे के साथ दाल उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों की लगातार हो रही बैठकों में सभी व्यापारियों को स्पष्ट संदेश दे दिया गया है। साथ ही, सरकार घरेलू बाजार में दालों की कीमतों में कमी लाने व उपलब्धता बढ़ाने के लिए म्यांमार से ज्यादा आयात की व्यवस्था कर रही है। सरकार ने खाद्य महंगाई को काबू में रखने के लिए कई उपाय किए हैं, जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में भी दिखाई दिए। यह महंगाई नौ महीने के सबसे निचले स्तर पर 4.85 फीसदी है। इसके बावजूद दालों की कीमत में बहुत कमी नहीं आई है। यह अब भी दहाई अंकों में 17.7 फीसदी पर है।


निगरानी के लिए कल से शुरू हो रहा पोर्टल

सरकार दालों के भंडार की निगरानी के लिए 15 अप्रैल से ऑनलाइन पोर्टल शुरू करने जा रही है। उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार, आयातकों व व्यापारियों को हर हफ्ते आयातित मटर सहित सभी दालों के स्टॉक की सटीक घोषणा करनी होगी।

व्यापारिक लेनदेन भी सुविधाजनक

सचिव निधि खरे ने वायदा कारोबारियों को बताया कि म्यांमार में भारतीय दूतावास ने व्यापारिक लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए 25 जनवरी से रुपया और क्यात भुगतान तंत्र शुरू किया है। इसके तहत व्यापारियों को पंजाब नेशनल बैंक से विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (एसआरवीए) के माध्यम से रुपया-क्यात प्रत्यक्ष भुगतान प्रणाली का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इससे उन्हें व्यापार में आसानी होगी।