पटना. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने शनिवार को विधानसभा में सुरक्षा प्रहरी नियुक्ति में बड़े पैमाने पर घोटाले की तैयारी करने का आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा कि सुरक्षा प्रहरी नियुक्ति के लिए चयनित एजेंसी ने ही पूरी नियुक्ति प्रक्रिया तैयार की है.

पत्रकार वार्ता में विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि भ्रष्टाचार में नीतीश मॉडल सबसे चर्चित बन गया है. जिसमें बिहार में घोटालों की बारात सज रही है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में सुरक्षा प्रहरी की बहाली में निविदा प्राप्त करने वाली एजेंसी ने ही निविदा की शर्तों को भी तैयार किया है. मैंने 23 जून को विधानसभा अध्यक्ष महोदय को एक पत्र लिखकर बहाली से जुड़ी जानकारियां मांगी हैं.

विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि विधानसभा सचिवालय द्वारा एजेंसी का चयन भी मनमाने और भेदभावपूर्ण रूप से किया गया है. एजेंसी को कार्य आवंटन के बाद निविदा शर्तों में सुधार किया गया. विज्ञापन में जितनी सुरक्षा राशि एजेंसी से जमा करानी थी, उसे अंतिम चयन के बाद बदलकर कम कर दिया गया. इसी प्रकार चयनित एजेंसी को कार्य प्रारंभ से समाप्ति तक अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग समय पर भुगतान के प्रावधान की शर्त को भी बदल दिया गया और पूरी प्रक्रिया बदलकर एकमुश्त भुगतान करने का प्रस्ताव किया गया.

उन्होंने यह भी कहा कि चयन के लिए जो समिति गठित हुई वह भी नियमानुकूल नहीं है. इस समिति में एक ऐसे व्यक्ति को रखा गया है, जिनका आचरण पूर्व भी संदेहास्पद रहा है. बहाली के लिए चयनित एजेंसी को कार्य का अनुभव नहीं है और पूर्व में भी समय पर काम पूरा नहीं कर पाने पर उसके विरुद्ध कार्रवाई हुई है. ऐसे में इस एजेंसी का चयन बताता है कि दाल में कुछ काला है. लेकिन, आगे और जो बातें सामने आ रही है, उससे लगता है कि पूरी दाल ही काली है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सब सरकार के दबाव में किया जा रहा है. सरकार के दबाव में विधानसभा में सुरक्षा प्रहरी नियुक्ति में एक बड़े घोटाले की तैयारी है.

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