हिंदू धर्म में सकट चौथ को बेहद शुभ माना जाता है और यह माघ कृष्ण चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. इसे तिलकुट चतुर्थी और माघी चतुर्थी भी कहा जाता है. इस दिन को एकादशी के रूप में भगवान गणेश का विशेष महत्व है, और भक्तगण इस दिन उन्हें प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय करते हैं. इस साल, सकट चौथ 29 जनवरी को मनाई जाएगी.

पंडित सीताराम ने बताया कि निर्जला सकट चौथ का व्रत रखकर गणेश जी की पूजा से संकटों का निवारण होता है. इस दिन, गणेश जी को तिल और गुड़ से बने तिलकुट का भोग चढ़ाया जाता है. महिलाएं व्रत रखकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. सकट चौथ को सामान्यत: माघ महीने के दौरान उत्तर भारतीय क्षेत्रों में मनाया जाता है, और इसे कृष्ण पक्ष चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है. यह दिन देवी सकट को समर्पित है, और माताएं इस दिन व्रत रखकर अपने पुत्रों की भलाई की कामना करती हैं. सकट चौथ की पौराणिक कथा देवी सकट की देखभाल करने वाले रवैये पर जोर देती है.

ऐसे करें भगवान की पूजा…

सुबह स्नान करने के बाद, गणेश अष्टोत्तर का पाठ करें.
शाम के समय, भगवान गणेश की प्रतिमा को एक बेदाग आसन पर रखें और उसे सुंदर फूलों से सजाएं.
मूर्ति के सामने एक दीया और एक अगरबत्ती जलाएं.
देवताओं को फलों का प्रसाद चढ़ाएं और उन्हें ग्रहण करने का आमंत्रण दें.
अपनी प्रार्थनाएं भगवान को अर्पित करें, अपने मन की शुद्धि और भक्ति से उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें.
भगवान गणेश को आरती अर्पित करें, उनके नामों का स्मरण करें और उन्हें स्तुति दें.
चंद्रमा को अर्घ्य, तिल के लड्डू और दूर्वा अर्पित करें. इसके साथ ही चंद्रमा को जल और दूध का मिश्रण भी अर्पित करें.