भोपाल ।     राजा भोज एयरपोर्ट के सुरक्षा दस्ते में 'ओरियो' एवं 'शेरू' नामक दो प्रशिक्षित श्वान भी शामिल हो गए है। यह दोनों श्‍वान सीआइएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) के जवानों की मदद करेंगे। इस उपलब्‍धि के लिए एक समारोह में इनका स्वागत किया गया है। सुरक्षा दस्ते में दो शामिल दो श्वान मणि एवं मोंटी ने अपनी सेवा के 10 साल पूरे कर दिए हैं इन दोनों को विदाई भी उत्साह के साथ दी गई  एयरपोर्ट सिक्योरिटी ग्रुप भोपाल की यूनिट लाइन में लैब्राडोर नस्ल के दो जावक (मणि एवं मोंटी) तथा दो आने वाले (ओरियो एवं शेरू) खोजी कुत्तों का विदाई एवं स्वागत समारोह आयोजित किया गया। रिटायर होने वाले दोनों कुत्तों ने भोपाल एयरपोर्ट पर नागरिक उड्डयन की सुरक्षा में 10 साल की सेवा पूरी कर ली है। डॉग ट्रेनिंग सेंटर (डीटीएस) रांची से बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ओरियो एवं शेरू एएसजी भोपाल पहुंचे हैं, उनका भी औपचारिक रूप से स्वागत किया गया और भोपाल हवाई अड्डे में शामिल किया गया। सेवानिवृत्त होने वाले और नए आने वाले श्वानों को विमानपत्तन निदेशक भोपाल रामजी अवस्थी एवं विमानतल सुरक्षा प्रभारी डिप्टी कमांडेंट मान सिंह द्वारा सम्मानित किया गया और उनके सम्मान में रस्सी खींचने का समारोह भी आयोजित किया गया। सीआइएसएफ के वरिष्ठ इंस्पेक्टर पीएल कुर्मी ने बताया की रिटायर हो रहे दो कुत्तों को एयरपोर्ट सिक्योरिटी ग्रुप के डॉग केनल में रखा गया। यहां इनका पूरा ध्यान रखा जाएगा।

श्वान भी सुरक्षा दस्ते का मुख्य हिस्सा

इस अवसर पर एयरपोर्ट डायरेक्टर रामजी अवस्थी ने कहा कि सुरक्षा दस्ते में शामिल श्वान भी सिक्योरिटी फोर्स का हिस्सा हैं। हम इनका स्वागत करते हैं। भले ही यह इंसान की भाषा नहीं समझ सकते, लेकिन प्रशिक्षण के बाद यह इशारों में ही पूरा काम कर देते हैं। डिप्टी कमांडेंट मान सिंह ने नवागत श्वान दल का स्वागत करते हुए डाग हैंडलर को भी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में एयरपोर्ट अथारिटी सीआइएसएफ के अधिकारी, स्थानीय पुलिस एयरलाइंस और भोपाल हवाई अड्डे के अन्य कर्मियों ने भाग लिया। उल्लेखनीय है कि एयरपोर्ट की सुरक्षा में लंबे समय से खोजी कुत्तों का दल शामिल है। यह प्रशिक्षित होते हैं तथा संदिग्ध वस्तु की पहचान आसानी से कर देते हैं। सुरक्षा बलों को इससे काफी मदद मिलती है।