मुंबई । सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने का विकल्प भी निवेशकों के पास होता है। जिसका इस्तेमाल निवेशकों ने कुछ सीरीज में ज्यादा किया है। हालांकि कुछ सीरीज में प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन बेहद कम है। देश के पहले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में भी निवेशकों ने मैच्योरिटी से पहले तकरीबन 6 फीसदी यूनिट ब्रिकी किए हैं। इस बॉन्ड की मैच्योरिटी की तारीख भी करीब है। 30 नवंबर 2015 को जारी हुआ यह बॉन्ड इसी महीने की 30 तारीख को मैच्योर होगा। 
आरबीआई से प्राप्त ताजा आंकड़ों के मुताबिक अभी तक कुल 122069001 यूनिट (1यूनिट=1 ग्राम) यानी 122.07 टन सोने की वैल्यू के बराबर गोल्ड बॉन्ड की खरीद हुई है। सबसे ज्यादा खरीद मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जारी की गई दूसरी सीरीज के लिए दर्ज की गई। इस सीरीज के लिए बॉन्ड की कुल 11673960 यूनिट (11.67 टन) बिकी। कुल 7769290 यूनिट यानी 7.77 टन की बिक्री के साथ वित्त वर्ष 2023-24 की पहली सीरीज दूसरे नंबर पर है। जबकि तीसरी सबसे ज्यादा बिक्री वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 11 अगस्त 2020 को जारी की गई 5वीं सीरीज के लिए रही। इस सीरीज के दौरान कुल 6349781 यूनिट गोल्ड बॉन्ड की बिक्री की गई।
आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि 20 नवंबर 2023 तक कुल 1552953 यूनिट यानी 1.55 टन सोने की वैल्यू के बराबर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन हुआ है। देश के पहले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशकों ने अभी तक कुल 6 फीसदी यानी 53934 यूनिट मैच्योरिटी से पहले बेचे हैं। इसके पहले इस बॉन्ड के लिए कुल 913571 यूनिट की खरीद की गई थी। इस तरह से इस बॉन्ड के 859637 यूनिट अभी भी बचे हैं। प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन के मामले में दूसरा यानी 2016 की पहली सीरीज अभी तक अव्वल है। मैच्योरिटी से पहले इस बॉन्ड के निवेशकों ने अभी तक 249806 यूनिट (0.25 टन) बेचे हैं।