रायपुर ।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र उत्तर बस्तर की बेटी भूमिका भूआर्य से वर्चुअल बात की। विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत ग्राम मनकेसरी में लगाए गए शिविर में ग्राम भानबेड़ा की भूमिका से प्रधानमंत्री ने पूछा कि आपके गांव में महुआ का किस-किस चीज के लिए उपयोग होता है। यह सुनते ही पहले तो भूमिका सहित मौजूद सभी लोगों ने पहले तो खूब ठहाके लगाए। इसके बाद भूमिका ने बताया कि महुआ के लड्डू और आंवले का अचार बनाकर बेचा जाता है। महिला स्व सहायता समूह द्वारा लड्डू बनाकर 700 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जाता है। भूमिका ने बताया कि उनके गांव में 29 समूह हैं और वन-धन विकास केंद्र के माध्यम से लघु वनोपज संग्रहण का काम समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है, जिसका सभी को लाभ मिल रहा है।

आदिवासी क्षेत्र में योजनाओं का लाभ मिलता देख मिली संतुष्टि: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ निचले स्तर पर भी निर्बाध ढंग से पहुंच रहा है, यह जानकर उन्हें काफी संतुष्टि मिली है। खासकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के निवासियों को शासन की योजनाओं का लाभ मिलते हुए देखने पर संतुष्टि मिलती है।

बता दें कि पीएम योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए उत्तर बस्तर कांकेर जिले के हितग्राहियों से वर्चुअल चर्चा कर रहे थे। मोदी ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में निवासरत लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई गई हैं। आम लोगों के विकास के लिए सरकार कटिबद्ध है। प्रधानमंत्री जनमन योजना का भी जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि उनकी सरकार को आदिवासी समाज के निचले स्तर पर जाकर काम करने का मौका मिला।

हितग्राहियों ने बताया मिल रहा योजनाओं का लाभ

प्रधानमंत्री से चर्चा के दौरान भूमिका व अन्य हितग्राहियों ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत मिशन, मनरेगा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना आदि का भी लाभ मिल रहा है। भूमिका ने बताया कि योजनाओं की जानकारी माता पिता के माध्यम से मिली। उन्होंने यह भी बताया कि वह और उनका छोटा भाई कालेज में अध्ययनरत हैं। इस पर प्रधानमंत्री ने भूमिका के जागरुक माता-पिता को प्रणाम करते हुए कहा कि उनकी जागरूकता के कारण ही बच्चे उच्च शिक्षा का लाभ ले रहे हैं।