हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज, वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती उन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से हैं, जिनके शिकार कम उम्र के लोग भी देखे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ये दोनों बीमारियां पूरे शरीर को कई प्रकार से प्रभावित कर सकती हैं, अगर इनपर ध्यान न दिया जाए तो इनके कारण मृत्यु का खतरा भी अधिक हो सकता है। लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी को इसका प्रमुख कारण माना जाता रहा है।शोधकर्ता बताते हैं, ब्लड प्रेशर बढ़ने के लिए अधिक मात्रा में सोडियम और डायबिटीज के लिए अधिक मात्रा में चीनी के सेवन को नुकसानदायक पाया गया है।

नमक और चीनी दोनों हानिकारक

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक नमक और चीनी दोनों ही रक्तचाप (बीपी) को बढ़ाने से संबंधित हैं। विभिन्न अध्ययनों ने लगातार दिखाया है कि नमक बढ़े हुए ब्लड प्रेशर का एक प्रमुख कारण है। इसी खतरे को ध्यान में रखते हुए फिनलैंड और यूके जैसे देशों ने नमक का सेवन कम कर दिया है। हालांकि सिर्फ इतना ही काफी नहीं है, नमक कम करने के बाद भी अगर आप अधिक मात्रा में चीनी का सेवन करते हैं, तो खतरा टला नहीं है।

हृदय के लिए भी यह खतरनाक

मेडिकल रिपोर्ट्स में पाया गया है 10 अमेरिकियों में से एक रोजाना ऐडेड शुगर का इस्तेमाल करता है। अध्ययन में पाया गया है कि ये दिल की बीमारियों का न सिर्फ जोखिम बढ़ाने वाली हो सकती हैं, साथ ही अन्य लोगों की तुलना में ऐसे लोगों में हृदय रोगों का मृ्त्युदर तीन गुना अधिक देखा गया है। ऐडेड शुगर चूंकि आपके रक्तचाप और मोटापे को बढ़ाते हुए देखा गया है इसलिए इससे हृदय रोगों का जोखिम अधिक हो सकता है।

बढ़ सकती है लिवर में फैट की समस्या

अधिकांश पैकेज्ड खाद्य पदार्थ-स्नैक्स में मिठास का कारण फ्रुक्टोज से होता है, यह शुगर का ही एक प्रकार है। हालांकि अध्ययनों में इसे लिवर में फैट को बढ़ाने वाला पाया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि यदि आप नियमित रूप से फ्रुक्टोज वाली चीजों का सेवन करते हैं, तो आपके लीवर में फैट की छोटी-छोटी बूंदें जमा हो जाती हैं। इससे नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज का खतरा बढ़ सकता है। कुछ स्थितियों में इसके गंभीर दुष्प्रभावों का भी जोखिम रहता है।

आपकी नींद हो सकती है डिस्टर्व

दिन के दौरान बहुत अधिक चीनी का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि बढ़ा हुआ शुगर और ब्लड प्रेशर का लेवल नींद को बढ़ावा देने वाले हार्मोन्स को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा ये दोनों स्थितियां समय के साथ अनिद्रा के जोखिमों को बढ़ाने वाली पाई गई हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर आप  कम सोते हैं तो समय से पहले मृत्यु का खतरा हो सकता है।