राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ( एनसीएसटी ) के अध्यक्ष और एक सामाजिक अधिकार कार्यकर्ता हर्ष चौहान ने मंगलवार को एक चौंकाने वाला फैसला लिया। अपना कार्यकाल समाप्त होने से आठ महीने पहले ही उन्होंने NCST के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इससे आदिवासी अधिकार निकाय फिलहाल नेतृत्वविहीन हो गया है।कांग्रेस ने हर्ष चौहान के इस्तीफे को उन्हे जबरन बाहर निकाले जाने का आरोप लगाया है। वहीं, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने मंगलवार को दावा किया कि वनों और आदिवासी अधिकारों के मुद्दे पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से भिड़ने की हर्ष चौहान को कीमत चुकानी पड़ी है।वहीं, सूत्रों ने कहा कि चौहान का इस्तीफा सरकार के वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन के बाद आया है।