MP Elections : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल नतीजे (exit poll results) सामने आने के बाद आज मतगणना भी शुरू हो गई है। इस बार मध्य प्रदेश में प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। वोटों की गिनती के साथ ही साफ होगा कि जनता जनार्दन किसके साथ है। लेकिन हम नजर डालते हैं, मध्य प्रदेश की उन दस वीवीआईपी सीटों पर, जिसका नतीजा जानने के लिए ना केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के लोग बेताब होंगे। ऐसी ही दस वीवीआईपी विधानसभा सीटों पर नजर डालते हैं, जहां से केंद्रीय मंत्री, सांसद से लेकर मुख्यमंत्री पद के दावेदार चुनावी मैदान में हैं।

भाजपा की सरकार का चेहरा कौन

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजों से साफ है कि भाजपा को बहुमत मिल रहा है। यह सवाल अब भी कायम है कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार का चेहरा कौन होगा? क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कुर्सी सुरक्षित रहेगी या उनकी जगह किसी और को बिठाया जाएगा। नरसिंहपुर में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और दिमनी (मुरैना) में नरेंद्र सिंह तोमर भी इस समय आगे चल रहे हैं। उनकी जीत भी तय लग रही है। इंदौर-1 में कैलाश विजयवर्गीय भी आगे निकल गए हैं। ऐसे में इनके नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में हैं। एग्जिट पोल्स के बाद ही मेल-मुलाकातों का दौर शुरू हो गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ग्वालियर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी।

शिवराज सिंह चौहान

मुख्यमंत्री शिवराज से भी ग्वालियर में एक दिसंबर को जब यह सवाल किया गया कि जब आप पांचवी बार मुख्यमंत्री बनेंगे? तो वे भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद कहते हुए आगे निकल गए। इसका मतलब साफ है कि अभी भी उनके नाम पर संशय बरकरार है। ऐसे में दूसरे दावेदारों के नाम की चर्चा शुरू हो गई है।

प्रह्लाद सिंह पटेल

सबसे ज्यादा चर्चा केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के नाम पर है। शिवराज के बाद प्रदेश में भाजपा के ओबीसी वर्ग के सबसे बड़े चेहरों में प्रह्लाद पटेल का नाम सबसे आगे है। मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी 50 फीसदी से अधिक है। भाजपा चेहरा बदलती है तो उनकी दावेदारी मजबूत होगी।

फग्गन सिंह कुलस्ते

इसके बाद आदिवासियों के सबसे बड़े नेता भाजपा में फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम भी चर्चा में है। मंडला जिले की निवास विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। नतीजे कुलस्ते और भाजपा के पक्ष में आते हैं तो पार्टी प्रयोग के तौर पर आदिवासी चेहरे को मौका दे सकती है।

नरोत्तम मिश्रा

दतिया विधानसभा सीट पर एक बार फिर भाजपा के दिग्गज डॉ. नरोत्तम मिश्रा का मुकाबला यहां कांग्रेस पार्टी से होना है। साल 2018 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को यहां आसान जीत नहीं मिल पाई थी। लिहाजा इस बार के चुनाव के रोचक होने के कयास लगाए जा रहे हैं। 2018 में भाजपा उम्मीदवार डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दतिया विधानसभा सीट से मात्र 2600 से कुछ अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।

नरेंद्र सिंह तोमर

मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मुख्यमंत्री पद के तगड़े दावेदार माने जा रहे हैं। चुनाव के शुरुआती दिनों में वे फ्रंटफुट पर बैटिंग कर रहे थे। चुनाव की बड़ी जिम्मेदारियां उनके कंधों पर थी। बेटे के कथित लेनदेन के वीडियो आने के बाद साइलेंट हो गए हैं।

वीडी शर्मा

इसके साथ ही भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के नाम की भी चर्चा होती है। इन संभावनाओं को बल तब मिला, जब चुनाव प्रचार के दौरान के पीएम मोदी का प्यार इन पर खूब उमड़ा था। चुनावी रैली के दौरान मंच से पीएम इनकी पीठ थपथपाते नजर आए थे। साथ ही इंदौर की रैली में पीएम मोदी के साथ रोड शो में वीडी शर्मा अकेले थे। प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भी इनका कार्यकाल खत्म होने के बाद दूसरी बार मौका मिला।

कैलाश विजयवर्गीय

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की दावेदारी भी है। चुनाव प्रचार के दोरान कैलाश यह संकेत देते रहे हैं कि हम विधायक बनने नहीं आए हैं। विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल में पार्टी को मजबूती दी है। केंद्रीय नेतृत्व से उनकी नजदीकी उन्हें प्रदेश का मुखिया बना सकती है।