मॉरीशस । भारत हिंद महासागर में अपने समुद्री विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने को तैयार है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनौथ ने बहुप्रतीक्षित अगालेगा हवाई पट्टी और एक जेटी का शुभारंभ किया। अगालेगा हवाई पट्टी साथ ही जेटी न केवल मॉरीशस और भारत दोनों को समुद्री डोमेन जागरूकता देगी, बल्कि अफ्रीका के पूर्वी समुद्री तट के साथ-साथ दक्षिण पश्चिम हिंद महासागर के मिशनों पर भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए परिचालन बदलाव की भी अनुमति देगी। हवाई पट्टी पर बोइंग पी-8आई मल्टीमिशन विमान उतर सकता है। हवाई पट्टी 3 किमी लंबी है और भारी-लिफ्ट सी-17, मध्यम-लिफ्ट आईएल-76 और सी-130 हरक्यूलिस और बोइंग पी-8आई निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्ध को भी संभाल सकती है।
बताया जाता हैं कि भारतीय नौसेना के 50 से अधिक अधिकारी और कर्मी पहले से ही रणनीतिक द्वीप पर तैनात हैं, और दोनों देश अगालेगा द्वीप पर जनशक्ति की संख्या को और बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। हालाँकि इन घटनाक्रमों के बारे में आधिकारिक विवरण अज्ञात है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का सुझाव है कि ड्यूकम बंदरगाह सुविधा पहले से ही चालू है, जो भारतीय जहाजों के लिए रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल सेवाएं प्रदान करती है। इसी तरह, उत्तरी अगालेगा द्वीप समूह में हवाई पट्टी जल्द ही चालू होने वाली है, जिससे मॉरीशस के समुद्री सुरक्षा प्रयासों को महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी, जिसमें उसकी पर्यटन संपत्तियों की सुरक्षा भी शामिल है।