मुजफ्फरपुर । बिहार के मुजफ्फरपुर में एक अजीब मामला सामने आया है। मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर थाने में दर्ज एक अपहरण के मामले में पुलिस ने 18 साल बाद अपहृत किशोरी को एसकेएमसीएच परिसर के बाहर फल बेचते बरामद किया। जब अपहरण की एफआईआर दर्ज की गई तब वो किशोरी थी, लेकिन अब दादी तक बन चुकी हैं। महिला की बरामदगी के बाद उसकी कहानी चर्चा का विषय बन गई है। वर्ष 2005 में मिठनसराय स्थित अपने घर से एक किशोरी लापता हो गई। उसके पिता ने अहियापुर थाने में उसके अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई। इस मामले में विजय छपरा गांव के एक युवक और उसके परिवार को अरोपी बनाया गया। पुलिस ने तत्काल आरोपी युवक भूषण सहनी की मां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और नौ माह जेल में रहने के बाद उसे कोर्ट से जमानत मिली। बाद में उस महिला की मृत्यु भी हो गई। अब पुलिस जब 18 साल पुराने उस केस में कार्रवाई करते हुए एसकेएमसीएच परिसर के बाहर फल बेचती महिला को बरामद किया, तो कहानी ने दिलचस्प मोड़ ले लिया। पुलिस को दिये बयान में महिला ने बताया है कि उसका कोई अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि 18 साल पूर्व वह घर से भागकर विजय छपरा गांव के भूषण सहनी से अंतरजातीय विवाह कर ‎लिया था। विवाह के बाद वह दिल्ली में ही रहती थी। इस बीच उसे दो बेटी हुई और एक बेटा भी हुआ। उसके बेटे के घर भी एक बेटा पैदा ले चुका है, जो उस महिला का इकलौता पोता है। महिला ने बताया कि अपहरण के आरोप में उसकी सास जेल गई थी, यहां तक उसे जानकारी है, उसके बाद केस का क्या हुआ, इसकी जानकारी उसे और उसके परिवार में किसी को नहीं है।