नई दिल्ली । दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में  सीआईआई एमएसएमई समिट का आयोजन हुआ। दिल्ली के उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इस कार्यक्रम में दिल्ली के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से आए उद्योगपतियों के साथ-साथ दिल्ली उद्योग मंत्रालय के विभिन्न अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली का सरकारी तंत्र चलाने के लिए यहां पर विभिन्न सरकारी संस्थान है। दिल्ली में बहुत सारी शक्तियां हैं जो केंद्र सरकार के अधीन आती हैं। बहुत सारी शक्तियां हैं जो दिल्ली सरकार के अधीन आती हैं और बहुत से ऐसे कार्य हैं जो नगर निगम के अधीन आते हैं। यह एक ऐसी बात है जो कि दिल्ली को देश के बाकी राज्यों से अलग दिखती है। उन्होंने कहा कि क्योंकि दिल्ली एक राज्य होने के साथ-साथ इस देश की राजधानी भी है, तो न्यायालय की नजर भी इस पर बहुत अधिक रहती है। दिल्ली में सरकार से जुड़े कामों को लेकर अक्सर लोग कोर्ट का रुख करते हैं, जिस कारण से सरकार के कार्यों में बहुत बाधाएं पैदा हो जाती हैं। इन बाधाओं के कारण जनता और सरकार दोनों का ही नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी तंत्र में अलग-अलग सरकारी संस्थानो का हस्तक्षेप होने के कारण जिस आधार पर दिल्ली का विकास हुआ, सरकारी संस्थान उस स्तर पर खुद को कुशल नहीं बना पाए, जिसका नतीजा हम सबको दिल्ली में आवासीय बाजार और औद्योगिक बाजार में दिखाई देता है। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इसका एक नतीजा यह भी हुआ कि जितने आवासीय अपार्टमेंट की दिल्ली में जरूरत थी, उस स्तर पर डीडीए लोगों के लिए आवासीय अपार्टमेंट नहीं बना पाई, आवासीय कॉलोनी डेवलप नहीं कर पाई, जिसका नतीजा यह हुआ कि लोगों को जहां-जगह मिली लोगों ने वहीं पर रहने के लिए अपने इंतजाम किए और अनऑथराइज्ड कॉलोनी का निर्माण किया। दिल्ली में स्थिति यह है कि लगभग आधी से ज्यादा दिल्ली अनऑथराइज्ड कॉलोनी में रहती है। इसी प्रकार से दिल्ली के विकास की तुलना में डीडीए, दिल्ली में औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण नहीं कर पाई, जिसके कारण लोगों ने व्यापार करने के लिए खुद जगह-जगह छोटे-छोटे औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण कर लिया, जिसे आज हम नॉन कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया के नाम से भी जानते हैं। उन्होंने कहा कि इसका नतीजा यह हुआ कि आज दिल्ली में जो कुल औद्योगिक क्षेत्र हैं, उनमें से आधे से ज्यादा नॉन-कन्फॉर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया के अधीन आते हैं। दिल्ली के नॉन कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया के संबंध में जानकारी देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक अनुमान के आधार पर दिल्ली के लगभग सभी औद्योगिक क्षेत्र में से आधे औद्योगिक क्षेत्र आज भी नॉन कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया के अधीन आते हैं