सतना  चित्रकूट के विकलांग विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के चेले पर नाबालिग से कुकर्म का आरोप लगा है। आरोपी तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज का उत्तराधिकारी रामचन्द्र दास उर्फ जय मिश्रा है। पीड़ित छात्र उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर का रहने वाला है। यूपी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है। स्वामी रामभद्राचार्य ने अपने चेले पर लगे आरोप को आधारहीन बताया है।

पुलिस के मुताबिक, मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) के लालगंज के ग्राम तेंदुई में 13 फरवरी को जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज की भागवत कथा चल रही थी। इस दौरान उनके उत्तराधिकारी रामचन्द्र दास उर्फ जय मिश्रा ने अपने आश्रम के 13 वर्षीय विद्यार्थी को अपने कक्ष में बुलाया था।

रिवॉल्वर से डराकर किया कुकर्म

छात्र के कमरे में आते ही जय महाराज ने उससे मालिश करने कहा। छात्र ने जैसे ही उनकी मालिश शुरू की जय महाराज ने पहले अश्लील हरकत की। विरोध करने पर पीटा और रिवॉल्वर से डराया। इसके बाद छात्र से कुकर्म किया।

पीड़ित के पिता को फोन पर धमकाया

तेंदुई से वापस चित्रकूट लौटने के बाद 18 फरवरी को आरोपी जय महाराज ने विद्यार्थी के पिता को फोन पर अपने बेटे को कांच मंदिर जानकीकुंड से ले जाने के लिए कहा। साथ ही धमकी दी कि उसके बेटे के साथ होने वाली घटना के लिए आश्रम जिम्मेदार नहीं होगा।

पिता का आरोप बेटे का मोबाइल छीना

पीड़ित के पिता ने बताया कि 19 फरवरी को जगद्गुरु सतना में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। तब जय ने उनके बेटे को बस से नीचे उतार दिया। प्रदीप और अभिषेक नाम के लोगों ने उसका मोबाइल भी छीन लिया। इसके बाद बालक रोते हुए डॉ. मुकुंद मोहन पांडेय के पास पहुंचा और उन्हें पूरी जानकारी दी।

पॉक्सो और अन्य धाराओं में मामला दर्ज

पीड़ित के पिता ने बताया कि वह सूरत में काम करता है। घटना की जानकारी मिलने पर वह चित्रकूट पहुंचा। बेटे के साथ रिपोर्ट करने 27 फरवरी को थाने में आया। मिर्जापुर पुलिस ने रामचंद्र दास उर्फ जय मिश्रा उर्फ जय महाराज के खिलाफ पॉक्सो एक्ट व अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है।

रामभद्राचार्य बोले आरोप आधारहीन

घटना सामने आने और मामला दर्ज होने के बाद स्वामी रामभद्राचार्य ने वीडियो संदेश जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि ये पूरी घटना आधारहीन है। छात्र को उनके विरोधियों ने हमारे खिलाफ मोहरा बनाया है। ये एक बड़ा षड्यंत्र है। हम चाहते थे कि छात्र अपने माता-पिता के पास रहकर पढ़ाई करे, इसलिए उसे उसके घर भेज रहे थे। जिस दिन की घटना ये बताई जा रही है उस दिन रामचन्द्र दास (आरोपी जय मिश्रा) मेरे पास ही थे। रात को वे अन्य लोगों के साथ मेरी सेवा कर रहे थे। जिस जगह की घटना बताई जा रही है, वहां कोई कमरा नहीं है। वहां एक हाल है और सभी लोग एक ही जगह पर सोते हैं। रामचन्द्र दास कभी एकांत या अकेले कक्ष में नहीं सोते। वे भी सभी के साथ इस हाल में सो रहे थे। ऐसे में घटना कैसे संभव है। विरोधियों द्वारा किए गए इस पूरे षड्यंत्र से मुझे गहरा आघात पहुंचा है।