जबलपुर । हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि नमामि देवि नर्मदे योजना के तहत पौधारोपण में करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच रिपोर्ट आने के बाद भी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। एक जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया कि शासन की नमामि देवि नर्मदे योजना के तहत कि गए पौधारोपण में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है। मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति दिनेश कुमार पालीवाल की यूगलपीठ ने उद्यानिकी विभाग के मंत्री भरत सिंह कुशवाहा, विभाग के प्रमुख सचिव, फूड प्रोसेसिंग विभाग, कलेक्टर सीहोर व उद्यानिकी विभाग के आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

जबलपुर निवासी सुनील सिंह ने जनहित याचिका दायर कर बताया कि शासन की 650 करोड़ रुपये से नर्मदा किनारे फलों के पौधे लगाने की एक बड़ी याेजना बनी थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता केके पांडे व कौशलेश पांडे ने कोर्ट को बताया कि विभाग के ही एक कर्मचारी की शिकायत पर योजना में बड़ा घोटाला उजागर हुआ।रिकार्ड में जबलपुर और उसके आसपास के लिए एक करोड़ रुपये के फलदार पौधे खरीदे गए, लेकिन उसमें से एक लाख 69 हजार पौधे गायब थे। नर्सरियों से उनकी क्षमता से कहीं ज्यादा पौधे खरीदे गए और उनके बिल भुगतान बताए गए। योजना के तहत सीहोर जिले में कागजों में सवा करोड़ रुपये के ड्रिप खरीदे गए, लेकिन किसानों को उनका वितरण नहीं किया गया। जब मामले की जांच की गई तो पाया गया कि जितनी खरीदी गई उससे कई गुना ज्यादा भुगतान किया गया। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कई दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों को पद से हटाने की सिफारिश की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।