इंफाल । मणिपुर में नए राज्य की मांग शुरू हो गई है। राज्य में अभी भी जगह-जगह हिंसा का दौर देखने को मिल रहा है। प्रशासन द्वारा 16 मई तक इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दी गई हैं।मणिपुर सरकार के अनुसार लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैलाई जा रही थी। जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने  इंटरनेट को प्रतिबंधित कर दिया है।
10 विधायकों ने कहा, हिंसा के बाद मेतई समुदाय के साथ रहना संभव नहीं है। इन विधायकों का आरोप है, कि मणिपुर के बहुसंख्यक मेतई समुदाय ने हिंसा शुरू की है। उसको मौजूदा राज्य सरकार का समर्थन प्राप्त है। इन विधायकों ने आरोप लगाया है, कि समुदाय के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया के कारण,मिजो समुदाय का मैताई समुदाय के साथ रहना असंभव है।
10 विधायकों ने अलग राज्य की मांग को लेकर हस्ताक्षर युक्त पत्र भी जारी किया है  इसमें भाजपा के विधायक वुग्जागिन बालटे भी शामिल हैं। इन विधायकों ने अपने पत्र में लिखा है,कि मणिपुर के अधीन अब हम लोग नहीं रह सकते हैं। मणिपुर में आदिवासियों के खिलाफ नफरत ने सांप्रदायिक रूप ले लिया है। हम शांतिपूर्ण ढंग से रहने के लिए अलग राज्य की मांग करते हैं।जहां हम शांति से रह सकें। सीमावर्ती राज्य में एक बार फिर अलगाव की आवाज बुलंद हो गई है जिसके कारण सीमा सुरक्षा भी प्रभावित होना तय माना जा रहा है। यहां पर ईसाई मशीनरी तथा  संघ के स्वयंसेवक बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं। जिसके कारण लगातार तनाव बढ़ रहा है।