बड़वानी ।   इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने सेंधवा में बड़ी कार्रवाई करते हुए जनपद सीईओ को पांच लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। जनपद पंचायत सेंधवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रविकांत ऊइके को लोकायुक्त की टीम ने 5 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। लोकायुक्त टीम इंदौर के डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि रोजगार सहायक सुनील ब्राह्मण की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है कार्रवाई कर विवेचना जारी है। लेखापाल राकेश पंवार की कार में ली गई रिश्वत की राशि बरामद होने से लेखपाल भी संदेह के घेरे में आ रहा है। वित्तीय अनियमित एवं भ्रष्टाचार में सदा सुर्खियों में रहने वाले जनपद पंचायत सेंधवा में लोकायुक्त टीम इंदौर द्वारा आज प्रातः 10 बजे के लगभग एक बड़ी कार्रवाई की गई, लोकायुक्त टीम इंदौर के डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया की ग्राम पंचायत अंजनगांव के प्रभारी सचिव सुनील ब्राह्मणे ने लोकायुक्त इंदौर में शिकायत की है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सेंधवा रविकांत उइके द्वारा पंचायत में मनरेगा संबंधित काम नहीं होने के कारण शोकाज नोटिस दिया गया तथा निलंबित करने की बात भी कही थी कार्रवाई न करने के एवाज में सीईओ के द्वारा 10 लख रुपए की मांग की गई जो 5 लाख में तय हुई।

इसकी शिकायत पर सत्यापन करवाया गया, जिसमें जनपद सीईओ द्वारा रिश्वत मांगने की बात की पुष्टि की गई। टीम द्वारा आज प्रातः11 बजे जनपद पंचायत सेंधवा के कार्यालय में सहायक पंचायत सचिव सुनील ब्राह्मण को 5 लाख रुपए लेकर जनपद पंचायत कार्यालय भेजा। जहां मुख्य कार्यपालन अधिकारी उईके द्वारा ब्राह्मणे से ली गई रिश्वत की राशि जनपद पंचायत सेंधवा के लेखपाल राकेश पंवार की कार क्रमांक एमपी 09 जेड वी 6193 की डिक्की में चार लाख 80 हजार रुपए रखे गए। लोकायुक्त की टीम ने तत्काल पहुंचकर कर दी गई रिश्वत की राशि जप्त कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी रविकांत उइके के विरुद्ध कार्रवाई प्रारंभ की। लोकायुक्त टीम के डीएसपी ने कहा कि जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि लेखपाल के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाए या नही। उल्लेखनीय है कि सेंधवा जनपद पंचायत भ्रष्टाचार एवं रिश्वत के मामले में मध्य प्रदेश में सदा सुर्खियों में रहा है नियम अनुसार रोजगार सहायकों को एक पंचायत से अधिक का प्रभार नहीं दिया जाना चाहिए परंतु सुनील ब्राह्मणों को दो पंचायत का प्रभार दिया गया है जो नियमों के विपरीत है।

सीईओ द्वारा लगभग 6 लाख रुपए की बाउंड्री वॉल के एवज मे 10 लाख की रिश्वत मांगना अनेक शंकाओ को जन्म देता है। अगर इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाए तो कहीं चौंकाने वाले मामले उजागर हो सकते हैं। दोपहर तक की कार्रवाई के बाद लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह ने बताया कि अभी सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है इसके बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि लेखपाल पर भी कार्रवाई की जाए या नहीं। अचानक हुई लोकायुक्त की कार्यवाही से सभी विभागों में हड़कंप सा मचा हुआ है।