एसएंडपी ग्लोबल ने कहा है ब्याज दरों में बढ़ोतरी और वैश्विक मंदी से अल्पकालिक चुनौतियों के बावजूद 2031 तक भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़कर दोगुना हो जाएगी। इसका आकार 3.4 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर 6.7 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा। एजेंसी ने कहा, सालाना 6.7 प्रतिशत की औसत वार्षिक दर से जीडीपी बढ़ेगी। विनिर्माण और सेवाओं के निर्यात और उपभोक्ता मांग के कारण यह तेजी बनी रहेगी।एसएंडपी ने चालू वित्त वर्ष में 6 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है।

इस आधार पर भारत समूह20 में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा। पिछले माह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चालू वित्त वर्ष में विकास का अनुमान बढ़ाकर 6.1% कर दिया था। आरबीआई ने 6.5% वृद्धि का अनुमान लगाया है। एसएंडपी को उम्मीद है कि प्रति व्यक्ति जीडीपी 4,500 डॉलर तक बढ़ सकती है।वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन का कहना है कि निवेश दर को 29 प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 35 प्रतिशत करने की जरूरत है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सहित निजी क्षेत्र को निवेश दर बढ़ानी चाहिए, क्योंकि सरकार के पास सीमित वित्तीय गुंजाइश है। सीईए ने सुझाव दिया कि इस संबंध में प्रमुख पहलों में घरेलू कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार का विकास और निवेश आकर्षित करने के लिए अच्छी तरह से लक्षित राजकोषीय प्रोत्साहन शामिल होना चाहिए।भारत को 2030 तक 7-7.5 प्रतिशत की निरंतर वृद्धि हासिल करने के लिए विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। कुशल श्रम, बेहतर भौतिक बुनियादी ढांचे, अच्छी तरह से स्थापित औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र और बड़े घरेलू बाजार के मामले में देश के तुलनात्मक लाभ को देखते हुए विनिर्माण एक प्रमुख विकास क्षेत्र होना चाहिए।