सतना।   सतना जिले में एक बार फिर बिजली कंपनी से मुआवजे की मांग को लेकर किसान मंगलवार को हाइटेंशन टावर पर चढ़ गए हैं। इस बार किसान अपने हाथों में फांसी का फंदा लिए हुए हैं और वर्षों पुरानी मुआवजे की मांग दोहरा रहे हैं। यह मामला जिले के उचेहरा तहसील अंतर्गत ग्राम पिथौराबाद का है जहां आज दोपहर से तीन किसान विद्याधर द्विवेदी, कमलभान उरमलिया और रामनाथ कोल टावर पर चढ़ गए हैं और हाथ में फांसी का फंदा लेकर अधिकारियों को मौके पर आने और जमीन का मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।

वर्षों से चल रहा है विवाद : 

जानकारी के अनुसार सतना में किसानों और पावर ग्रिड के बीच टावर और ट्रांसमिशन लाइन को लेकर विवाद पिछले कई वर्षों से चल रहा है। इनके अलावा भी ऐसे कई किसान हैं जिन्हें अभी तक गाइडलाइन के अनुसार मुआवजे की राशि नहीं मिली है। इसी क्षेत्र में अक्सर विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं। बीते एक वर्ष से लेकर अब तक तीन से चार बार किसान टावरों पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। बीते साल 12 मार्च को भी पिथौराबाद और अतरवेदिया के किसान टावर पर चढ़ गए थे और रात भर टावर पर चढ़कर ही प्रदर्शन किया था। इसी क्षेत्र में पोडी, पतौरा, वीरपुर के कई किसानों के मुआवजे के कुछ मामले शिकायत के तौर पर लंबित भी पढ़े हुए हैं। विगत तीन वर्ष पहले भी बिहटा गांव में टावर लाइन को लगाने को लेकर भारी विवाद की स्थिति निर्मित हुई थी तब पुलिस लाइन से भारी पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर स्थिति काबू की थी।

यह है किसानों की मांग : 

उचेहरा तहसील के कई गांवों में यही स्थिति है जहां के किसानों का आरोप है कि उनके खेतों में बिजली कंपनी ने बड़े-बड़े टावर लगाकर बिजली लाइन खींची है जिसके मुआवजा राशि के लिए उन्होंने पहले एसडीएम और उसके बाद कलेक्टर को भी आवेदन दिया था। इस मामले में एसडीएम और कलेक्टर न्यायालय ने मुआवजा जारी करने आदेश भी दे दिया था लेकिन बिजली कंपनी ने उन्हें अब तक मुआवजा नहीं दिया है और हर बार किसी न किसी रूप में बहाना बना दिया जाता है। किसानों की मांग है कि उन्हें 12 लाख रुपये प्रति टावर व तीन हजार रुपये प्रति रनिंग मीटर की दर से तार बिछाए जाने की मुआवजा राशि दी जाए। किसानों ने चेतावनी दी है कि इस बार उन्हें जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक वे टावर से नीचे नहीं उतरेंगे।