पटना । बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रमुख घटक भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव में तीन सांसदों को चुनावी पिच पर हैट्रिक लगाने से रोक दिया है वहीं, दो पूर्व विधायक और एक उप विजेता को लड़ने मौका दिया है।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा ने अपने सभी 17 उम्मीदवार की सूची जारी कर दी है। सूची के अनुसार भाजपा ने इस बार के चुनाव में बक्सर से केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, मुजफ्फरपुर से पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय जय नारायण प्रसाद निषाद के पुत्र अजय निषाद, सासाराम (सु) से छेदी पासवान और शिवहर से रमा देवी का टिकट कट दिया है। इसमें चौबे, निषाद, छेदी पासवान के चुनावी पिच पर हैट्रिक लगाने की तैयारी थी। 
चौबे ने लगातार दो बार वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में बक्सर संसदीय सीट पर भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए हैं। इस बार बक्सर से भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर चौबे की हैट्रिक लगाने की मंशा अधूरी रह गई। वहीं सीट पर भाजपा ने नए प्रत्याशी गोपालगंज के बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी को मौका दिया है।
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय निषाद के पुत्र अजय निषाद मुजफ्फरपुर संसदीय सीट से वर्ष 2014 और 2019 में लगातार दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी निषाद विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के उम्मीदवार राजभूषण निषाद को पराजित किया था। राज भूषण निषाद हाल ही में वीआईपी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। मुजफ्फरपुर से राज भूषण निषाद के भाजपा प्रत्याशी बनने के बाद अजय का इस सीट से हैट्रिक लगाने सपना अधूरा हो गया है।
पासवान ने चार बार सासराम संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व किया है। वर्ष 1989 और वर्ष 1991 में पासवान सासाराम सीट पर जनता दल के टिकट पर निर्वाचित हुए। पासवान ने वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में भी भाजपा के टिकट पर सासाराम सीट से जीत हासिल की। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर छेदी भी हैट्रिक लगाने से चूक गए। छेदी पासवान की जगह भाजपा ने भोजपुर के अगियांव (सु) से पूर्व विधायक शिवेश राम को चुनावी रणभूमि में उतारा है। शिवेश राम पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पूर्व सांसद दिवंगत मुनि लाल के पुत्र हैं। मुनि लाल ने सासाराम सीट पर वर्ष 1996 में पहली बार भाजपा का ‘कमल’ खिलाया था। इसके बाद मुनि लाल वर्ष 1998 और वर्ष 1999 में भी भाजपा के टिकट पर सासाराम सीट पर विजयी बनें। मिथिलेश और शिवेश राम पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।