ट्रेन में हम में से सभी ने कभी ना कभी सफर तो किया होगा। एक राज्य से दूसरे राज्य तक जाने का सबसे सस्ता और सुगम साधन में से एक ट्रेन को माना जाता है। ट्रेन में सफर करना भले ही अच्छा लगता हो पर कई बार सामान के चोरी हो जाने का खतरा भी बना रहता है। अगर आपके साथ भी कभी ऐसी कोई घटना घट जाए तो आपको क्या करना चाहिए, आइए इसके बारे में जानते हैं।

सामान चोरी होने पर करें ये काम

आपको ट्रेन में सफर के दौरान हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए। कभी आपके सामने ऐसी कोई दुर्घटना घट जाए तो आपको सबसे पहले उसकी शिकायत दर्ज करवानी चाहिए। आप जैसे ही शिकायत दर्ज करते हैं, लेकिन उसके बाद भी आपको सामान नहीं मिलता है तो भारतीय रेलवे यात्री को मुआवजा देता है। भारतीय रेलवे के मुताबिक व्यक्ति के सामान चोरी हो जाने के बाद सामान की कीमत की गणना के अनुसार ही रेलवे मुआवजा देती है। मुआवजा पाने के लिए आपको कुछ प्रोसेस को फॉलो करना होगा। आइए, जानते हैं कि आपको क्या प्रोसेस फॉलो करना होगा।

कैसे मिलेगा मुआवजा

अगर सफर के दौरान किसा यात्री का सामान चोरी हो जाता है तो उसे सबसे पहले ट्रेन कंडक्टर कोच अटेंडेंट, गार्ड या जीआरपी एस्कॉर्ट से संपर्क करना होगा। ये व्यक्ति आपको एक फॉर्म देंगे, आपको वो फॉर्म भरना होगा। आप जैसे ही ये फॉर्म भरते हैं तो उसके बाद कार्रवाई करने के लिए इस फॉर्म को थाने भेज दिया जाता है। अगर आपको अपना ट्रेन का सफर पूरा करना है तो आप किसी भी रेलवे के आरपीएफ सहायता चौकियों पर शिकायत पत्र को जमा करवा सकते हैं।

इन सामान पर मिलता है मुआवजा

भारतीय रेलवे के नियम के अनुसार ट्रेन के सफर के दौरान चोरी हुए सामान की भरपाई रेलवे करता है। रेलवे उन ही व्यक्ति को मुआवजा देता है जिन्होंने लगेज की फीस देकर सामान की बुकिंग करवाई होती है। बुकिंग किये गए सामान पर किसी भी तरह की कोई हानि होती है तो रेलवे इसके लिए मुआवजा देता है। रेलवे आपको सामान की कीमत के अनुसार मुआवजा देता है। अगर आपने बुकिंग के समय सामान की कीमत नहीं बताई होती है तब रेलवे 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मुआवजा देता है। इस पर रेलवे के नियम के मुताबिक आपको बुकिंग के समय सामान के मूल्य से ज्यादा का मुआवजा नहीं मिलता है।