कब से कब तक रहेगा खाटूश्यामजी का लक्खी मेला?
उज्जैन. खाटूश्याम मंदिर समिति ने खाटू मेला 2022 (Khatu Mela 2022) को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस मेले में लाखों भक्तों के आने की अनुमान है। यह राजस्थान के सबसे बडे़ मेलों में से एक है।
इस दौरान खाटू बाबा के दर्शनों के लिए दे ही नहीं विदेश भी भक्त यहां आते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान खाटूश्याम घटोत्कच (Ghatotkach) के पुत्र बर्बरीक (Barbarik) हैं, जिन्होंने भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) के कहने पर स्वयं ही अपना सिर काट लिया था। भगवान श्रीकृष्ण के वरदान स्वरूप ही कलयुग में उनकी पूजा श्याम नाम से की जाती है। आगे जानिए बाबा खाटूश्याम और खाटू मेले से जुड़ी खास बातें.
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भीम के बेटे घटोत्कच और दैत्य मूर की बेटी मोरवी के पुत्र बर्बरीक ने घोर तपस्या की और कई दिव्य अस्त्र-शस्त्र प्राप्त किए। उन्होंने अपनी माता से वादा किया था कि वो महाभारत के युद्ध में कमजोर पक्ष का साथ देंगे। उन्होंने कौरवों के लिए लड़ने का फैसला किया। भगवान श्रीकृष्ण जानते थे कि अगर बर्बरीक कौरवों का साथ देंगे तो पांडवों की हार तय है। ऐसे में श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से दान में उसका सिर मांग लिया। बर्बरीक ने खुशी-खुशी अपना शीश दान कर दिया। बर्बरीक के इस बलिदान से प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि वे कलयुग में उनके नाम 'श्याम' से पूजे जाएंगे।
1. कोरोना की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए सीकर जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि मेले में आने वाले श्याम भक्तों को वैक्सीन की दोनों डोज अनिवार्य है।
2. कोरोना के चलते इस बार भी भजन संध्या, डीजे व भंडारों पर रोक रहेगी। स्वयंसेवी संस्थाएं सिर्फ पेय पदार्थ वितरित कर सकेंगी।
3. मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे। आठ सेक्टर में तीन हजार पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। जिग जैग बैरिकेडिंग, लाइट जैसे इंतजाम श्रीश्याम मंदिर कमेटी की ओर से किए जाएंगे।
4. मेले में आने के लिए आनलाइन पंजीयन जरूरी नहीं है। राजस्थान के श्याम भक्तों के लिए दोनों डोज का प्रमाण पत्र और बाहरी श्याम भक्तों के लिए 72 घंटे तक की आरटीपीसीआर रिपोर्ट जरूरी रहेगी।