इस वर्ष मार्च का महीना बीते 10 वर्षों में सबसे कम तपाने वाला रहा। सामान्य रूप से मार्च में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पार हो जाता था, जबकि इस वर्ष अधिकतम तापमान 37.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो समान्य रहा।

अप्रैल के बीते आठ दिनों में ही प्रदेश में सामान्य से 236 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हो गई है। प्रदेश भर में अब तक 45.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जबकि सामान्य रूप से इन आठ दिनों में 13.6 मिमी वर्षा होनी थी। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि द्रोणिका का प्रभाव रविवार को भी प्रदेश पर पड़ेगा। इसके असर से विभिन्न क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने के साथ अंधड़ चलेगा।
लगभग पखवाड़े भर से प्रदेश में मौसम का मिजाज ऐसा ही बना हुआ है। दोपहर में आंशिक रूप से बादल छाने के साथ ही देर शाम को अंधड़ चलने के साथ हल्की बारिश हो रही है। इसकी वजह से अप्रैल के आठ दिन भी बिल्कुल भी नहीं तपे। लोगों को गर्मी से राहत मिली। रायपुर सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट रही।

पिछले वर्ष मार्च 120 वर्षों में सबसे ज्यादा तपा था

वर्ष 2022 के मार्च की गर्मी से लोग हलाकान हो गए थे। 120 वर्षों में मार्च-2022 की गर्मी सबसे ज्यादा तपाने वाली थी। इस वर्ष मार्च का पहला पखवाड़ा छोड़ दिया जाए तो शेष 15 दिन और अप्रैल के पहले सप्ताह में गर्मी से राहत मिली।
मंगलवार से बदलेगा मौसम का मिजाज

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि प्रदेश में मौसम का मिजाज 10 अप्रैल से बाद से बदलेगा और गर्मी शुरू होगी। विशेषकर 14 से 20 अप्रैल के बीच गर्मी में और बढ़ोतरी हो सकती है।

सब्जियों को नुकसान

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बीते पखवाड़े भर से अंधड़ के साथ ही रही वर्षा के कारण सब्जियों को नुकसान हुआ है। इसके साथ ही गेहूं की फसल को भी नुकसान उठाना पड़ेगा।