जबलपुर।  रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा से विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। ताजा विवाद परीक्षा परिणाम को लेकर है। अर्थशास्त्र विषय में पीएचडी करने वाले उम्मीद्वारों को प्रवेश परीक्षा में पूछे गए सवालों ने परेशान कर दिया है। 59 परीक्षार्थियों ने प्रवेश के लिए परीक्षा दी लेकिन सफलता एक को नहीं मिली। नतीजों में सारे फेल हो गए। अब विद्यार्थियों का दावा है कि परीक्षा में जो सवाल पूछे गए उसके जवाब के लिए जो विकल्प थे वो खुद सही नहीं थे।

छात्रों ने इस संबंध में जब घर पहुंचकर सवालों के जबाव तलाशे तो उनके माथे पर बल पड़ गया। अधिकांश सवाल के जवाब गलत दर्ज थे। मजबूरी में विद्यार्थियों ने भी चार विकल्प में एक-एक चुन लिया। छात्रों ने इस संबंध में कुलपति और कुलसचिव को शिकायत देते हुए परीक्षा का मूल्यांकन नए सिरे से करवाने की मांग की है। उनका कहना है कि गलत सवालों को हटाकर मूल्यांकन किया जाए। इधर नतीजे जारी हो चुके हैं ऐसे में प्रशासन क्या निर्णय लेता है ये फिलहाल कहना मुश्किल है। ये जरूर है कि इससे पूर्व रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा के आवेदन पत्र को लेकर गड़बड़ी करने का आरेाप लगा था। उस वक्त प्रशासन ने प्रवेश परीक्षा के तीन दिन पहले ही गुपचुप तरीके से लिंक खोलकर आनलाइन आवेदन भरवाए थे। इस मामले में विद्यार्थी संगठनों ने भी जमकर आंदोलन किया था। छात्रों का कहना था कि सामान्य विद्यार्थियों को भी विश्वविद्यालय प्रशासन आवेदन करने के लिए अतिरिक्त मौका दे। प्रशासन ने परीक्षा को ओएमआर शीट में ली थी। जिसमें सवालों के लिए विकल्प दिए गए थे। उन विकल्प में सहीं जवाब पेन से गोला भरना था। छात्र अजय कुमार कुरलिया, अंशुल जैन, शिल्पा चौकसे, शालिनी महोबिया, अभिषेक पांडे आदि विद्यार्थियों ने आवेदन देकर बताया कि विगत 6 मार्च को हुई पीएचडी प्रवेश परीक्षा का परिणाम 9 मार्च को घोषित हुआ। जिसमें सारे विद्यार्थी न्यूनतम आर्हता 50 फीसद अंक नहीं हासिल कर पाए। छात्रों ने मूल्यांकन गलत होने का दावा किया। इस मामले में दोबारा मूल्यांकन करवाने की मांग की है।