नई दिल्ली/भोपाल/रायपुर/जयपुर । 5 राज्यों में चुनाव की घोषणा के बाद राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा ने मप्र में 4 सूचियों के माध्यम से 136, छग में 2 सूचियों के माध्यम से 85 और राजस्थान में पहली सूची में 41 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। अब बारी कांग्रेस की है। एआईसीसी से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस तीनों राज्यों में 15 अक्टूबर को अपनी पहली सूची जारी करेगी। पहली सूची में मप्र के 150, छग के 40 और राजस्थान के 60 प्रत्याशी शामिल होंगे। वहीं सूत्रों का कहना है कि पार्टी 20 अक्टूबर तक सारे नामों की घोषणा कर देगी।
मप्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचार, प्रबंधन और प्रत्याशियों के नामों का एलान कर कांग्रेस पर बढ़त बना ली है। अब कांग्रेस की प्रत्याशियों की सूची को लेकर पीसीसी चीफ कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है। मंगलवार को सतना में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सूची श्राद्ध पक्ष के बाद आएगी। बता दें कांग्रेस की सात अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आयोजित हुई थी। इसमें करीब 140 प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा हुई थी। इसके बाद पीसीसी चीफ ने जानकारी दी थी कि कांग्रेस की अभी 6 से 7 दिन में केंद्रीय चुनाव समिति की एक और बैठक होगी। जिसके बाद प्रत्याशियों के नाम पर अतिम फैसला किया जाएगा। जानकारी के अनुसार कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की 13 और 14 अक्टूबर को दिल्ली में बैठक है। इसमें मप्र की सीटों पर चर्चा होगी। कांग्रेस के प्रत्याशियों की पहली सूची 15 अक्टूबर को जारी हो सकती है। इसमें 150 के करीब प्रत्याशियों के नाम होने की बात कही जा रही है।
छग में 65 सीटों पर सिंगल नाम तय
छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची 14 अक्टूबर को जारी कर सकती है। 13 अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो सकती है। जिसके बाद पहली सूची में 40 नाम जारी किए जा सकते हैं। रविवार को ही सीएम हाउस में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक रखी गई थी। सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले हुई कांग्रेस की यह मीटिंग बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक के बाद प्रदेश स्तर पर सभी 90 सीटों पर प्रत्याशियों के सिंगल नाम तय कर लिए हैं। इन्हीं नामों पर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में अंतिम मुहर लगेगी। कांग्रेस की पहली सूची में लगभग 40 नाम जारी किए जाएंगे। जिसमें सीएम भूपेश बघेल समेत मंत्रियों के नाम होंगे। इसके साथ ही पहली सूची में उन 13 सीटों पर भी उम्मीदवार रखे जाएंगे जिन पर भाजपा का कब्जा है। पहली सूची जारी होने के एक सप्ताह के भीतर दूसरी सूची आने की संभावना है। कांग्रेस प्रदेश चुनाव समिति की बैठक अब तक 6 बार से अधिक हो चुकी है। जिसमें आवेदनों पर चर्चा हुई। 2 हजार से ज्यादा दावेदारों के आवेदनों में काट-छांट कर लगभग 300 लोगों की एक लिस्ट तैयार की गई थी। जिसमें 40 सीटों पर सिंगल नाम तय किए गए थे। इसके बाद भी बैठकों का दौर जारी रहा। अब तक 65 सीट पर सिंगल नाम तय कर लिए थे।
राजस्थान में टिकट फाइनल
राजस्थान में भाजपा ने 41 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा में अभी वक्त लगेगा। सीएम अशोक गहलोत ने संकेत दिए हैं कि 15 अक्टूबर को टिकट घोषित किए जा सकते हैं। उन्होंने संकेत दिया कि सभी 200 सीटों पर प्रत्याशी लगभग फाइनल हो चुके हैं। कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट के सवाल पर गहलोत ने कहा- अभी तो प्रोसेस शुरू हुआ है। मैं समझता हूं कि 15 तारीख के आसपास उम्मीद कर सकते हैं। जब सीईसी की बैठक शुरू होगी। तभी बता पाएंगे कि फाइनल कब होगा। गहलोत दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। गहलोत ने चुनावी फंडिंग और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा पर फिर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा- इस बार जनता से हम अपील करेंगे कि हमें मौका दो। भाजपा के पास साधनों की कमी नहीं है। इलेक्टोरल बॉन्ड निकाल रखे हैं। बॉन्ड एक तरह से करप्शन है। यह लीगली करप्शन है। बॉन्ड के नाम पर तरीका निकाल दिया। बॉन्ड का 95 प्रतिशत पैसा इनके पास आता है। हमसे कोई उद्योगपति मिलने भी आ जाता है तो शाम को घर-दफ्तर पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पहुंच जाता है। ईडी पहुंच जाती है। लोग डरे हुए हैं, आप सोच सकते हैं। इस माहौल में हम काम कर रहे हैं।
सात सांसद उतारकर भाजपा ने हार मान ली
भाजपा के सात सांसदों को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने के सवाल पर गहलोत ने कहा- इन्होंने सात सांसद उतारे हैं। इन्होंने तो पहले ही हार स्वीकार कर ली है। आप बताइए, सात एमपी किसी राज्य में नहीं उतारे गए होंगे। गहलोत ने कहा- राजस्थान की सरकार गिरा नहीं पाए, वह दर्द इनके दिल के कोने में ऐसा छिपा हुआ है। बार-बार वह दर्द बाहर निकलता है। चाहे नरेंद्र मोदी हो या अमित शाह हो, धर्मेंद्र प्रधान हो या गजेंद्र शेखावत हो या जफर इस्लाम हो। उनके दिल में एक कोने में दर्द अलग छिपा हुआ है। नहीं चाहते हुए भी वह दर्द बाहर निकलता है। बार-बार वह दर्द इनको तंग करता है। ये हमें तंग करते हैं। सोनिया गांधी से मुलाकात पर गहलोत ने कहा- सोनिया गांधी लंबे समय तक हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष रही हैं। उनसे शिष्टाचार मुलाकात करना हमारा फर्ज बनता है। जब भी दिल्ली आना होता है, उनसे शिष्टाचार मुलाकात करते हैं। हम यहां तक पहुंचे हैं। उसमें उनका योगदान है। उनके आशीर्वाद से पहुंचे हैं। पहली बार जब मैं मुख्यमंत्री बना, तब से उनका आशीर्वाद मुझे मिला तभी तो बन पाया। उनका विश्वास था। विश्वास 25 साल से बनाए रखना बहुत बड़ी बात है। वह विश्वास कायम रखा हुआ है, इसलिए जब कभी दिल्ली आते हैं। मौका मिलता है तो कर्टसी कॉल के नाते हम मिलते हैं।