नई दिल्ली। केंद्र सरकार एक समझौते के तहत महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) का संचालन बीएसएनएल को सौंपे जाने पर विचार कर रही है। सूत्रों की मानें तो सरकार एमटीएनएल का विलय करने की बजाय इस विकल्प पर विचार कर रही है। विलय या संचालन पर अंतिम फैसला महीनेभर में लिए जाने की संभावना व्यक्त की गई है। 
सूत्रों का कहना है कि कर्ज में बुरी तरह डूब चुकी एमटीएनएल का संचालन एक समझौते के तहत भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को सौंपे जाने के विकल्प पर केंद्र सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है। आधिकारिक सूत्र कहते हैं कि एमटीएनएल भारी कर्ज में डूबी है, ऐसे में बीएसएनएल के साथ विलय अनुकूल विकल्प नहीं होगा। इस मामले में फैसला ले लिए जाने के बाद प्रस्ताव सचिवों की समिति के सामने रखा जाएगा और उसके बाद ही मंत्रिमंडल अंतिम निर्णय करेगा। 
गौरतलब है कि एमटीएनएल ने बढ़ते वित्तीय संकट के चलते इस सप्ताह शेयर बाजार को सूचना दी थी कि वह अपर्याप्त फंड के कारण कुछ बॉन्डधारकों को ब्याज का भुगतान करने में खुद को असमर्थ पा रही है। यह ब्याज रकम 20 जुलाई 2024 को देय है। एमटीएनएल, दूरसंचार विभाग और बीकन ट्रस्टीशिप लिमिटेड के बीच हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय समझौते (टीपीए) के मुताबिक एमटीएनएल को भुगतान तारीख से 10 दिन पहले एस्क्रो खाते में पर्याप्त राशि के साथ अर्धवार्षिक ब्याज राशि जमा करनी होगी। इसके तहत ही एमटीएनएल ने सूचित किया है कि एमटीएनएल एस्क्रो खाते में पर्याप्त राशि जमा नहीं कर सकी है। यहां बताते चलें कि एमटीएनएल दिल्ली और मुंबई में दूरसंचार सेवाएं देती हैं, जबकि बीएसएनएल दिल्ली और मुंबई को छोड़ कर संपूर्ण देश में परिचालन करती है।