बोगोटा । कई बार कुछ ऐसा सामने आ जाता है कि हम कुदरत के आगे हार मान लेते हैं। एक ऐसा ही केस कोलंबिया से आया है, जहां एक 17 साल की लड़की खून के आंसू हो रही है। हम किसी मुहावरे के तौर पर लड़की दर्द को बयां करने के लिए खून के आंसू का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। वाकई इस लड़की की आंखों से आंसू की तरह की खून गिरता है। ये सुनकर भी आपको बड़ा ही अजीब लग रहा होगा लेकिन 17 साल की जारिक रामिरेज नाम की लड़की के जीवन की ये कड़वी सच्चाई है। वो ऐसी मेडिकल कंडीशन से गुजर रही है, जिसके चलते वो सुकून के दो आंसू भी नहीं बहा सकती है। जानकारी के अनुसार तकरीबन तीन साल पहले जब दुनिया कोरोना महामारी झेल रही थी, तभी इस लड़की को शरीर के कुछ अंगों से खून गिरने की समस्या हुई। इसकी शुरुआत नाक से हुई और फिर ये आंखों से आंसू की तरह बहने लगा। धीरे-धीरे उसके मुंह से भी खून आना शुरू हो गया। 
लड़की ने अपनी कहानी के ज़रिये अब दुनिया भर के विशेषज्ञों से मदद मांगी है, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब सामने नहीं आया है। हालांकि आंखों के विशेषज्ञ लुइस एस्काफ ने इस दुर्लभ बीमारी को ‘विकेरियस मेंस्ट्रुएशन’ कहा है। ये पीरियड की तरह होती है, जिसमें गर्भाशय के अलाना नाक, कान, पेट, पैर, आर्मपिट और निपल्स से भी खून रिसने लगता है। जारिक के मुताबिक उसकी ज़िंदगी पूरी तरह बदल चुकी है। वो पहले आराम से स्कूल जाती थी और अपनी पढ़ाई-लिखाई में व्यस्त थी। अब हालत ये है कि उसे पढ़ाई भी छोड़नी पड़ सकती है। 
उसका दावा है कि कोई भी डॉक्टर अब तक इस समस्या का समाधान नहीं ढूंढ पाया है, जबकि उसके पूरे शरीर पर स्टडी की जा चुकी है। जांच में कहीं कोई गड़बड़ नहीं है, सिर्फ नाक, मुंह और आंख से खून गिरना बंद नहीं हो रहा।बता दें कि इंसान के शरीर से ज्यादा कॉम्प्लेक्स शायद ही कोई चीज़ होगी। कब इसमें क्या गड़बड़ हो जाए, कहा नहीं जा सकता है। मेडिकल साइंस लगातार रिसर्च करता रहता है कि इंसानी शरीर की संरचना में होने वाली हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी समस्या का निदान ढूंढा जा सके।