भोपाल । मप्र में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती उन वोटर्स और नेताओं को मनाने की है जो हाल के सालों में किसी ना किसी कारण से पार्टी से रुठे बैठे हैं। भाजपा मार्गदर्शक मंडल का हिस्सा बनाए जा चुके पार्टी के बुजुर्गवार नेताओं को भी इसी कड़ी में देख रही है। इन नेताओं का मार्गदर्शन और जनता के साथ कार्यकर्ताओं में इनकी साख का इस्तेमाल पार्टी करने जा रही है। इसके लिए 16 लाख पार्टी वर्कर्स को काम पर लगाया जा रहा है। इसके तहत उन्हे टार्गेट दिया जा रहा है कि जमीनी स्तर पर वोटर्स को मनाएं और घर लाएं।
भाजपा वह पार्टी है जो जड़ से लेकर जमीन तक काम करती है। बूथ स्तर से चुनावी तैयारी मजबूत करने वाली भाजपा अब पन्ना स्तर तक भी पहुंची है। अब इस पन्ना प्रभारी से भी नीचे एक प्रभारी की तैनाती कर दी गई है, नाम दिया गया है अर्ध पन्ना प्रभारी। इस अर्ध पन्ना प्रभारी की भूमिका सबसे अहम रहने वाली है। वजह ये है कि पन्ना प्रभारी अभी तक भाजपा सरकार की योजनाओं के लाभ की जानकारी जुटाने पार्टी की विचारधारा के जरिए भाजपा की जड़ें मजबूत करता रहा है। लेकिन अर्ध पन्ना प्रभारी की भूमिका रुठों को मनाने की होगी। असंतोष कम करने की कड़ी में सबसे अहम किरदार में होगा अर्ध पन्ना प्रभारी। अब इसे ऐसे समझिए, अर्ध पन्ना प्रमुख को जिस पन्ने की जवाबदारी दी जाएगी वो उन लोगों से संवाद कायम करके उनके असंतोष की वजह जानेगा। उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास करेगा। इस डैमेज कंट्रोल मैनेजमेंट में करीब 16 लाख कार्यकर्ताओं की तैनाती करने जा रही है पार्टी।

रूठा है तो मना लेंगे
भाजपा मार्गदर्शक मंडल का हिस्सा बनाए जा चुके पार्टी के बुजुर्गवार नेताओं को भी इसी कड़ी में देख रही है। इन नेताओं का मार्गदर्शन और जनता के साथ कार्यकर्ताओं में इनकी साख का इस्तेमाल करने, पार्टी में किनारे चल रहे तमाम नेताओँ के मान मनौव्वल का दौर भी शुरु किया जा रहा है। पार्टी के मौके मौके से आईना दिखाने वाले रघुनंदन शर्मा से लेकर सुमित्रा महाजन, गौरी शंकर शेजवार, हिम्मत कोठारी, विक्रम वर्मा जैसे क्षेत्रवार पकड़ रखने वाले नेताओं की साज संभाल भी अब शुरु की जाएगी।

विरोध यात्रा में तब्दील हुई थी विकास यात्रा
चुनावी साल लगते ही भाजपा ने विकास यात्राएं इस मकसद से निकाली थी कि जनता के बीच चुनाव के पहले जमीन उपजाऊ कर ली जाए। लेकिन यह दांव उल्टा ही पड़ा। तस्वीर ये बनी कि ज्यादातर हिस्सों में विधायकों को जनता का भारी गुस्सा झेलना पड़ा। कहीं विधायकों को उल्टे पांव लौटना पड़ा तो कहीं नारेबाजी और अपनी मांगें लेकर खड़े लोगों ने विकास यात्रा के पहिए का रथ ही रोक दिया। असल में चुनाव से पहले यह ट्रेलर जिस तरह से भाजपा के सामने आया अब पार्टी वक्त रहते जहां जहां बीमारी पकड़ में आई है उसका ईलाज शुरु कर रही है। भाजपा प्रवक्ता हितेश वाजपेयी का इस फार्मूले को लेकर कहना है कि भाजपा इस बार संगठन स्तर पर बहुत सजग है। उन्होंने कहा कि हम ऐसा कोई अवसर कांग्रेस के लिए नही छोड़ेंगे क्योंकि हम 51 प्रतिशत वोट का टारगेट ले कर तैयारी कर रहे हैं। जो ये पन्ना प्रमुख बनाए जा रहे हैं वे इसी कवायद का हिस्सा है।