चेन्नई । इस बार भाजपा पीएम नरेन्द्र मोदी को कन्याकुमारी या कोयंबटूर से लोकसभा का चुनाव लड़ा सकती है। क्यों‎कि रामनाथपुरम से ग्राउंड ‎रिपोर्ट ठीक नहीं आई है। यही वजह है ‎कि पार्टी उन्हें कन्याकुमारी या कोयंबटूर से मैदान में उतारने की संभावनाएं तलाश रही है। हालां‎कि इन सीटों से क्रमश: बीजेपी नेता पीएन राधाकृष्णन और सीपी राधाकृष्णन ने जीत हासिल की थी। चूंकि कोयंबटूर और कन्याकुमारी जमीनी स्तर पर भाजपा का गढ़ हैं, इसलिए संभावना है कि दोनों सीटों में से किसी एक के लिए मोदी के नाम पर विचार किया जा सकता है। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि बीजेपी प्रधानमंत्री को रामनाथपुरम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाने की वकालत कर रही है। हालां‎कि 9 जुलाई को हैदराबाद में हुई भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों, संगठन सचिवों और दक्षिण भारत के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में कई नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के रामनाथपुरम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने का विचार रखा था, जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है। 
बता दें ‎कि यह सीट वर्तमान में आईयूएमएल के नवासकानी के पास है। बीजेपी ने इस सीट पर विस्तृत अध्ययन कराया, इसमें पता चला कि पार्टी के पास निर्वाचन क्षेत्र के साथ-साथ बूथ समितियों में भी उचित जमीनी समर्थन नहीं है। पार्टी को अन्नाद्रमुक द्वारा दिए गए समर्थन पर निर्भर रहना होगा, जो वर्तमान में तमिलनाडु में उसकी सहयोगी है। इसने पार्टी को इस दिशा में सोचने के लिए प्रेरित किया है कि मोदी को कन्याकुमारी या कोयंबटूर से मैदान में उतारा जाए, क्योंकि उनके पास यहां जमीनी स्तर का मजबूत समर्थन है। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि आरएसएस भी प्रधानमंत्री के दोनों सीटों में से किसी एक से चुनाव लड़ने के विचार को स्वीकार कर रहा है। गौरतलब है कि बीजेपी तमिलनाडु में कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है और पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्य में बड़े पैमाने पर प्रचार कर रहे हैं। 
गौरतलब है ‎कि पीएम मोदी भी तमिल भाषा, तमिल संस्कृति पर बोल रहे हैं और हाल ही में उन्होंने तमिलनाडु के सेंगोल को नई संसद में स्थापित कराया है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों की राय है कि भाजपा मोदी की लोकप्रियता का इस्तेमाल कर तमिलनाडु में बड़ी बढ़त बनाने की योजना बना रही है। कन्याकुमारी और कोयंबटूर दोनों में पार्टी के पास लगभग 80 प्रतिशत बूथ प्रतिनिधित्व है। जब‎कि कांग्रेस नेता इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने क्रमशः चिकमंगलूर, बेल्लारी और वायनाड निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ा था। इसका एक कारण यह भी माना जाता है बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी को कन्याकुमारी या कोयंबटूर सीट से मैदान में उतारने पर विचार कर रही है।