भाजपा ने किया कांग्रेस पर पलटवार कहा-वे बाबर का मकबरा देखना चाहते थे
पटना। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का इवेंट बताया है। इसके साथ ही घोषणा कर दी कि वे इस समारोह में शामिल नहीं होंगे। इस पर भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। भाजपा ने कहा है कि जब उनका सपना ही बाबर का मकबरा देखना था तो वे इस समारोह में कैसे जा सकते हैं। बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला विराजमान होंगे और उनकी भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होगा। प्रधानमंत्री मोदी के हाथों राम मंदिर का उद्घाटन होगा। कांग्रेस ने भाजपा का इवेंट बताते हुए किनारा कर लिया है इस पर बीजेपी विपक्षी दलों पर भड़क गई है प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने विपक्षी दलों पर करारा हमला किया है। आरजेडी और जेडीयू ने बीजेपी पर इसे लेकर पलटवार किया है।
प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्योता ठुकरा कर कांग्रेस पार्टी ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। बिहार भाजपा के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने बयान जारी कर कहा है कि जो लोग अयोध्या में बाबर का मकबरा देखना चाहते थे वे राम मंदिर कैसे सहन कर पाएंगे। ये लोग कभी भी रामलला को अपने घर में स्थापित होते हुए नहीं देख सकते। प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बाबर के मकबरा की पक्षधर है। उसकी जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राम मंदिर बनवा दिया तो अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है और इसीलिए प्राण प्रतिष्ठा कब बहिष्कार कर रहे हैं।भाजपा के हमले पर कांग्रेस की सहयोगी दल राजद और जदयू ने पलटवार किया है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि भाजपा ने अयोध्या में भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को पूरी तरह से अपना इवेंट बना लिया है। यह धर्म और आस्था का विषय है लेकिन भाजपा ने इसमें भी राजनीति कर रही है। इसे हम कभी स्वीकार नहीं कर सकते।
कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने भी बीजेपी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि हम लोग किसी भी हालत में धर्म सत्ता के ऊपर राज सत्ता की लाठी चलते हुए नहीं देख सकते। इसीलिए उस कार्यक्रम में हम लोग नहीं जाएंगे। भाजपा ने प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन पर कब्जा कर लिया। इधर जेडीयू ने भी भाजपा का विरोध किया है। हालांकि नीतीश के नेताओं के सुर थोड़े नरम जरूर हैं। प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि भगवान राम सबके हैं लेकिन, कुछ लोग मार्केटिंग में लगे हैं। भगवान राम पर किसी एक का अधिकार नहीं हैं। इसलिए मार्केटिंग का कोई फायदा उन्हें नहीं मिलेगा। जहां तक उद्घाटन समारोह में जाने का सवाल है तो हमारे नेता खुद तय करेंगे की क्या कदम उठाना है।