टोक्यो। जापान का नागी दुनिया का अनोखा शहर है, जहां महिलाओं और पुरुषों को बच्चे पैदा करना और पालना सिखाया जा रहा है। इसके बदले उनसे शुल्क लिया जाता है। पहले बच्चे के लिए 420 डॉलर, दूसरे बच्चे के लिए 210 डॉलर। इससे ज्यादा बच्चे हों तो कोई पैसा नहीं। यहां हर महिला सिर्फ मां है। उसके पास ढेर सारे बच्चे हैं। वह हर किसी के बच्चों का ख्याल मां की तरह ही रखती है। अगर कोई अपने बच्चों को यहां के स्कूल में दाखिला कराता है तो बच्चों को लाखों रुपये वजीफा दिया जाता है। ऐसा सिर्फ इसलिए ताकि जन्मदर बढ़ाई जाए। जापान उन देशों में शामिल है, जो जन्मदर बढ़ाने के लिए तमाम तरह के तोहफे दे रहे हैं। युवाओं से अपील की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करें। क्योंकि इस मुल्क की तकरीबन 30 फीसदी आबादी बुजुर्ग हो चुकी है। 2 फीसदी लोगों की उम्र तो 100 के भी पार जा चुकी है। ऐसी स्थिति में नागी शहर चमत्कार की तरह सामने आया है। यहां जन्मदर जापान में सबसे ज्यादा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, 6,000 से कम आबादी वाले इस शहर में पेरेंट्स बच्चे पैदा करने के गुर सीखने के लिए जा रहे हैं। उन्हें कैसे पाला जाए, इसके बारे में जानकारी ले रहे हैं। 
यहां एक कमेटी बनी हुई है, जो बच्चों की देखभाल करती है। उन्हें बेस्ट फैसिलिटी देती है, ताकि उनका मानसिक और शारीरिक विकास ठीक से हो सके। नागी हमेशा ऐसा नहीं था। सिर्फ 5 साल पहले यहां भी जापान के अन्य शहरों की तरह जन्मदर काफी कम थी। लेकिन इसी बीच सरकार ने अहम ऐलान किया। सरकार कपल्स को बच्चे पैदा करने पर इनाम के तौर पर लाखों रुपये देने लगी। दिलचस्प बात यह थी कि यह राशि हर बच्चे के जन्म के साथ बढ़ जाती थी। पहला बच्चा हुआ तो 60 हजार रुपये और अगर आपने 5वां बच्चा किया तो 2.5 लाख रुपये मिलने लगे। उसके बाद स्थिति बदल गई। जापान के अन्य शहरों में जहां जन्मदर दोगुनी है तो नागी शहर तीन गुनी। यह चमत्कार से कम नहीं। उसके बाद लोग यहां बच्चे पैदा करने और उन्हें पालने के गुर सीखने आने लगे।हालात ये हैं कि लोग यहां पर अपने बच्चों का दाखिला तक कराते हैं। इन बच्चों को सालाना 80 हजार से डेढ़ लाख रुपये रुपये वजीफा दिया जाता है।जिन लोगों को यहां बच्चा पैदा होता है, उन्हें जन्म के बाद एकमुश्त भुगतान दिया जाता है। जो प्रत्येक अगले बच्चे के जन्म के साथ दोगुना से अधिक हो जाता है।