महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल हो रहा है। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें अभी तक यही समझ नहीं आ रहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शिवसेना-भाजपा का हिस्सा है या विपक्ष में है। एक दिन पहले एनसीपी नेता अपने कुछ विधायकों के साथ एनसीपी में शामिल हुए थे।

जयंत पाटिल ने की अयोग्य ठहराने की कोशिश 

विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सोमवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके कार्यालय को अब तक पार्टी विभाजन के बारे में कोई याचिका नहीं मिली है। मझे अभी तक यह नहीं पता कि एनसीपी राज्य सरकार के साथ शामिल हो गई या अब भी विपक्ष में है। मैं पहले इसे देखूंगा इसके बाद ही कोई फैसला ले पाऊंगा। मुझे एनसीपी विधायक जयंत पाटिल की एक याचिका मिली, जिसमें अजित पवार सहित मंत्री पद की शपथ लेने वाले आठ विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी। इसके अलावा किसी और नेता की ओर से कोई लिखित दस्तावेज नहीं मिले हैं।

जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पार्टी के विभाजन के बारे में मुझे कई याचिका नहीं मिली है। अजित पवार को विधायकों के समर्थन पर उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई लिखित सूचना नहीं मिली है, मुझे जानकारी नहीं है। अभी भी विधानसभा में शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में 53 विधायक हैं। हालांकि, विधायकों द्वारा हमें जो भी सूचना मिली है, हम उन पर गौर करेंगे। इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता।

मुख्यमंत्री से मिले एनसीपी नेता

एनसीपी नेता छगन भुजबल ने वर्षा निवास पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ पूर्व सांसद और उनके भतीजे समीर भुजबल की मौजूद थे।

जानिए, आखिर हुआ क्या था

अजित पवार अपने आठ विधायकों के साथ रविवार दोपहर शिवसेना-भाजपा सरकार के समर्थन वाली सरकार में शामिल हो गए। उन्होंने राजभवन में डिप्टी सीएम की शपथ ली और सभी आठों विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। राजभवन को सौंपे गए पत्र का हवाला देते हुए सूत्रों ने कहा कि पवार के पास पार्टी के 40 विधायक और छह एमएलसी का समर्थन है। राजभवन में विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा गया है।