वास्तु शास्त्र हिंदू प्रणाली के सबसे पुराने विज्ञानों में से एक है. वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व है. वास्तु के अनुसार अगर घर में हर वस्तु की दिशा सही हो तो व्यक्ति को शुभ फल मिलते हैं.

वहीं गलत दिशा में रखी चीजें जीवन पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकती हैं.

वास्तु अनुसार पूर्व दिशा, पश्चिम दिशा, उत्तर दिशा व दक्षिण दिशा यह तो मुख्य दिशाएं हैं इसके अलावा इनके अलावा अन्य दिशाओं का होना भी महत्व रखता है. हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है. इसमें घर की हर छोटी से लेकर बड़ी चीज के लिए कुछ नियम बताए गए हैं. आइए जानते हैं वास्तु में उत्तर दिशा का क्या महत्व है और ऐसी कौन सी चीजें हैं जिन्हें उत्तर दिशा में रखने से व्यक्ति को लाभ हो सकता है.

उत्तर दिशा का महत्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार सभी दिशाओं का अपना-अपना महत्व होता है. लेकिन उत्तर दिशा को सबसे शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिशा में देवताओं का वास माना जाता है. इस दिशा में धन के देवता कुबेर का वास माना जाता है. अत: इस दिशा को वास्तु दोषों से मुक्त रखने से धन की प्राप्ति होती है.

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर दिशा में दर्पण लगाना बहुत शुभ होता है. ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है. वास्तु के अनुसार घर की रसोई की दिशा भी उत्तर दिशा में होनी चाहिए. इससे अन्न और धन के भंडार सदैव भरे रहते हैं. इसके साथ ही घर का मुख्य दरवाजा उत्तर दिशा में होना भी शुभ माना जाता है.

पूर्व दिशा में पौधों को रखने के फायदे
वास्तु में पौधों का बहुत महत्व है. अगर इस पौधे को घर की पूर्व दिशा में रखा जाए तो आर्थिक लाभ होने की संभावना रहती है. साथ ही घर से दरिद्रता दूर भागती है. तुलसी को धार्मिक दृष्टि से तो शुभ माना ही जाता है, साथ ही वास्तु के अनुसार भी इसका विशेष महत्व है. इसलिए तुलसी का पौधा घर की उत्तर दिशा में रखना चाहिए. इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है. साथ ही तरक्की में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं. इसी के साथ सुगंधित फूलों का यहां होना भी बहुत ही अच्छे परिणाम देने वाला होता है.