रीवा   जिले में नॉन का बड़ा परिवहन घोटाला सामने आया है। यहां नागरिक आपूर्ति​ निगम और विपणन अधिकारियों ने वर्ष 2019-20 और 2020-21 में गेहूं-धान के परिवहन के नाम पर 10 करोड़ रुपए से ज्यादा शासन को क्षति पहुंचाई है। हालांकि दबी जुबान जांच अधिकारियों का दावा है कि ये खेल वर्ष 2013-14 से चल रहा है। ओवर हाल अगर पूरे मामले की जांच होती है तो 50 से 80 करोड़ रुपए का परिवहन घोटाला हो सकता है।

दावा है कि रीवा प्रभारी जिला प्रबंधक संजय सिंह ने आउट सोर्स कर्मचारी पूजा शुक्ला सहित अन्य जिम्मेदारों के साथ मिलकर वास्तविक दूरी को हेरफेर कर परिवहनकर्ता को आर्थिक लाभ दिया था। तब तत्कालीन रीवा कलेक्टर की जांच में करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितता पाई गई थी।

ऐसे शुरु हुआ खेल

जांच अधिकारियों ने जो रिपोर्ट शासन को सौंपी है उसमे मउगंज सेक्टर के गंगा विपरण सहकारी समिति नईगढ़ी से घूमा कैंप की वास्तविक दूरी 22 किलोमीटर थी। लेकिन नागरिक आपूर्ति​ निगम और विपणन अधिकारियों ने 45 किलोमीटर दूरी दर्ज की मतलब 23 किलोमीटर ज्यादा का परिवहनकर्ता को भुगतान कर दिया। वर्ष 2021 की बात करें तो 16174 किलोमीटर परिवहनकर्ता ने समितियों से गेहूं और धान का उठाव कर कैंप में रखा। जबकि नॉन के जिम्मेदारों ने 28897 किलोमीटर का भुगतान कर दिया।

जिला प्रबंधक को कटनी स्थानांतरित, आउट सोर्स की सेवा समाप्त

जब घोटाले की चिंगारी रीवा से चलकर भोपाल तक पहुंची तो मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लि​मिटेड के प्रबंध संचालक तरूण कुमार पिथोड़े (आईएएस) ने रीवा जिला प्रबंधक संजय सिंह को कटनी स्थानांतरित कर दिया है। वहीं पंकज बोरसे सहायक महाप्रबंधक वितरण कक्ष मुख्यालय से जिला प्रबंधक रीवा पदस्थ किए गए है। इसी तरह एमपीकॉन लिमिटेड द्वारा आउट सोर्स कर्मचारी पूजा शुक्ला को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

इस जांच टीम ने किया घोटाले का खुलासा

22 जनवरी 2022 को रीवा एडीएम शैलेन्द्र सिंह ने जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा था। जिसमे कहा कि शिकायतकर्ता अरूण कुमार सिंह के शिकायती आवेदन पत्र को आधार बनाकर जांच की गई थी। तब इला तिवारी अपर कलेक्टर को जांच समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। इस समिति में सदस्य के रूप में आरडी चौधरी वरिष्ठ कोषालय अधिकारी, एमएनएच खान जिला आपूर्ति नियंत्रक, अभयराज सिंह सहायक कोषालय अधिकारी, पुष्पराज सिंह सहायक कोषालय अधिकारी, यूपी बागरी उप संचालक कृषि, केके गर्ग कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, कमलभान बागरी जिला प्रबंधक एमपीडब्ल्यूएलसी शामिल थे।