मॉस्को । यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग थमने का नाम नहीं ले रही उधर, अमेरिका के हस्तक्षेप के चलते रूस के भी तेवर कड़े हो रहे हैं। अब रूस ने दावा किया है कि अमेरिका यूक्रेन युद्ध का बहाना बनाकर अंतरिक्ष में परमाणु हथियार की तैनाती कर सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि रूस भी अमेरिका को जवाब देने के लिए ऐसे ही कदम उठा सकता है। अमेरिका के दो दुश्मन रूस और चीन ने 2008 में बाहरी अंतरिक्ष के सैन्यीकरण को रोकने के उद्देश्य से एक अंतरराष्ट्रीय संधि का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, अमेरिका ने इस प्रस्ताव को राजनीतिक चाल बताते हुए खारिज कर दिया था। यह संधि न होने से रूस और चीन भी अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती के लिए स्वतंत्र हैं।
संयुक्त राष्ट्र में रूस के उप प्रतिनिधि आंद्रेई बेलौसोव ने कहा है कि अमेरिका यूक्रेन में सुरक्षा संकट का इस्तेमाल परमाणु हथियारों सहित हथियारों को अंतरिक्ष में तैनात करने के बहाने के रूप में कर सकता है। उन्होंने परमाणु हथियारों का अप्रसार को लेकर कहा कि अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती के जोखिमों को सीधे यूक्रेन के क्षेत्र में रूसी विशेष सैन्य अभियान से जोड़ना असंभव है। ऐसा कोई सीधा लिंक नहीं है। हालांकि, तथ्य यह है कि अमेरिका और उसके सहयोगी न केवल जमीन पर, समुद्र में और हवा में, बल्कि अंतरिक्ष में भी अपनी सैन्य योजनाओं को लागू करने के लिए यूक्रेनी कार्ड का उपयोग करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि इन योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए विशेष सैन्य अभियान का इस्तेमाल एक बहाने के रूप में किया जाएगा। बेलौसोव ने सुझाव दिया कि पिछले डेढ़ दशक में बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ को रोकने के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी साधनों पर कानूनी रूप से चर्चा करने से वॉशिंगटन का इनकार खुद ही उसकी पोल खोल रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका ने शुरू से ही कोई दायित्व न लेने की योजना बनाई थी। उन्होंने दावा किया कि हम अच्छी तरह से मान सकते हैं कि इन योजनाओं में अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की तैनाती की संभावना शामिल है।
बेलौसोव ने शुक्रवार को हिरोशिमा पर अमेरिकी परमाणु बमबारी की 77वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर एनपीटी समीक्षा सम्मेलन में अमेरिका पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने परमाणु हथियारों सहित सामूहिक विनाश के हथियारों से दुनिया को मुक्त करने के लिए रूस की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने बताया कि रूस ने 1980 के दशक के मध्य से अपने रणनीतिक परमाणु शस्त्रागार को 85 प्रतिशत तक कम कर दिया है। बेलौसोव ने कहा कि मॉस्को की पहल पर फरवरी 2021 में सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया था।