नई दिल्ली ।   उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिन बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। लंबे चले चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 28 नवंबर की रात एक-एक कर सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया। जैसे ही पहले श्रमिक को बाहर निकाला गया, पूरे इलाका ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्रीराम’ के नारों से गूंज उठा। ये सभी मजदूर दिवाली की सुबह सुरंग ढहने से फंस गए थे। अब 17 दिन बाद इन परिवारों में दिवाली मनाई गई। देश के अलग-अलग राज्यों से ये लोग यहां काम करने आए थे। कोई यूपी से तो कोई झारखंड, तो कोई उड़ीसा, बंगाल से था। जैसे ही सभी के सुरक्षित निकाले जाने की खबर परिजन तक पहुंची, खुशी के कारण माहौल भावुक हो गया। इन घरों में अब दिवाली मनाई गई।

अस्पताल पहुंचे सीएम धामी

सभी श्रमिकों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। सभी की सेहत ठीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अभिभावक की तरह श्रमिकों के कल्याण को लेकर चिंतित थे। हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास प्रधानमंत्री का नेतृत्व है जिसके तहत देश का प्रत्येक व्यक्ति सुरक्षित है। हमने प्रत्येक कार्यकर्ता को उनके द्वारा दिखाए गए साहस के लिए पुरस्कार के रूप में राशि दी है। डॉक्टरों की सलाह के अनुसार, सभी श्रमिकों का एम्स ऋषिकेश में स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा।

- पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

मां-बेटे के बीच फोन पर हुई भावुक करने वाली बातचीत

पश्चिम बंगाल के रहने वाले सौभिक पाखिरा और उनकी मां लक्ष्मी के बीच फोन पर हुई बातचीत ने वायरल है। मां ने बंगाली में अपने बेटे से पूछा, 'क्या उन्होंने तुम्हारा स्वास्थ्य परीक्षण किया है?'

बेटे ने जवाब दिया, 'हां, उन्होंने चेकअप कर लिया है और अब वे हमें अस्पताल ले जाएंगे।' मां ने बेटे से वापस लौटने पर पूरी बात विस्तार से बताने के लिए कहा। मां ने आगे कहा, 'भगवान ने हमेशा तुम पर नजर रखी है। तुमने एक विश्व रिकॉर्ड बनाया है। मैं बहुत खुश हूं कि मैंने तुम जैसे बेटे को जन्म दिया।' कॉल के अंत में वह अपने बेटे से कहती है कि 'नहा लो और नए कपड़े पहनो, मैंने पूजा के फूल भेजे हैं। उत्तरकाशी सुरंग से बचाए गए श्रमिकों में श्रावस्ती, यूपी के संतोष कुमार भी शामिल हैं। उनके एक रिश्तेदार ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं... मैंने हमें उसे चिंता न करने के लिए कहा और कहा कि वह जल्द ही लौट आएंगे। श्रावस्ती से 6 लोग सुरंग के अंदर फंसे हुए थे।'