नई दिल्ली । रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 21 अक्टूबर, को नई दिल्ली में भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया। दो दिवसीय महोत्सव का उद्देश्य बातचीत, कला, नृत्य, नाटक, गाथाओं और प्रदर्शनियों के माध्यम से सदियों से विकसित भारत की समृद्ध सैन्य संस्कृति और विरासत का उत्‍सव मनाना है। यह मुख्य रूप से प्रख्यात विद्वानों, अभ्यासकर्ताओं, सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा पैनल चर्चा के माध्यम से विभिन्न अनुकूलित‍ स्थितियों और दृष्टिकोण को सामने लाएगा। रक्षा मंत्री ने देश के प्राचीन रणनीतिक कौशल की खोज और समकालीन सैन्य क्षेत्र में एकीकरण के माध्यम से स्वदेशीय संवाद को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना और यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया के संयुक्त सहयोग से प्रोजेक्ट उद्भव भी लॉन्च किया। इस कार्यक्रम में थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के अध्यक्ष, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू और नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह की गरिमामयी उपस्थिति अन्‍य गणमान्य व्यक्तियों में थी। राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में देश की सुरक्षा में सशस्त्र बलों की बेजोड़ बहादुरी और अमूल्य भूमिका का प्रदर्शन करने वाला यह भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव देश के युवाओं को प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि इससे वे भारतीय सेना और उनके शौर्यपूर्ण कार्यों के बारे में और अधिक जानने के लिए उत्साहित होंगे।