नई दिल्ली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने एआई ‎बिजनेस में कदम रख ‎दिया है। इसके ‎लिए कंपनी ने एनवी‎डिया से करार ‎किया है। जानकारी के मुता‎बिक बीते दिनों संपन्न हुई 46वीं सालाना आम बैठक में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल को लेकर बड़ा दावा किया था। अब इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाते हुए रिलायंस ने एआई की दुनिया में अपना दबदबा कायम करने के लिए एक बिग डील की है। इसके तहत जियो प्लेटफॉर्म्स ने क्लाउड आधारित एआई कंप्यूट का बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए वैश्विक चिप डिजाइन फर्म एनवीडिया के साथ करार किया गया है। मी‎डिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी चिप निर्माता एनवी‎डिया के साथ हुई ये डील भारत की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेमीकंडक्टर चिप महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा देने के लिए की गई है। इस साझेदारी से रिलायंस इंडस्ट्रीज के डिजिटल सेवा कारोबार को और बढ़ावा मिलेगा, जो जियो प्लेटफॉर्म्स के अंतर्गत आता है। 
इस डील पर जियो प्लेटफॉर्म्स की ओर से कहा गया है कि एआई क्लाउड का यह नया बुनियादी ढांचा देश भर के शोधकर्ताओं, डेवलपर, स्टार्टअप, वैज्ञानिकों, एआई विशेषज्ञों को त्वरित कंप्यूटिंग और हाई-स्पीड, सुरक्षित क्लाउड नेटवर्किंग तक पहुंच में सक्षम बनाएगा। एनवी‎डिया के फाउंडर और वीईओ जेनसेन हुआंग ने कहा कि भारत में अत्याधुनिक एआई सुपर कंप्यूटर बनाने के लिए रिलायंस के साथ साझेदारी करके हमें खुशी हो रही है। भारत के पास स्किल, डेटा और टेलेंट है। सबसे उन्नत एआई कंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे के साथ, रिलायंस अपने स्वयं के बड़े लैंग्वेज मॉडल का निर्माण कर सकता है, जो भारत के लोगों के लिए देश में बने जेनरेटर एआई अनुप्रयोगों को शक्ति प्रदान करेगा।
कंपनी के मुताबिक, एनवीडिया परियोजना के लिए आवश्यक कंप्यूटिंग पावर प्रदान करेगा, जबकि रिलायंस एआई एप्लिकेशन बनाने पर काम करेगा, जैसे कि एक स्थानीय भाषा ऐप जो मौसम की जानकारी और फसल की कीमतें प्रदान करने के लिए किसानों के साथ बातचीत कर सकता है। अमेरिकी फर्म की ओर से आगे कहा गया कि एआई बड़े पैमाने पर चिकित्सा लक्षणों के स्पेशलाइज समाधान और इमेजिंग स्कैन प्रदान करने में मदद कर सकता है, जहां डॉक्टर तुरंत उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। इसके अलावा एआई दशकों के वायुमंडलीय डेटा का उपयोग करके चक्रवाती तूफानों की बेहतर भविष्यवाणी कर सकता है, जो जोखिम वाले लोगों के लिए मददगार होगा।