वॉशिंगटन । स्‍पेस एजेंसी नासा के मुताबिक, 30 सितंबर 2022 को वैज्ञानिक केविन एम गिल ने स्‍पेसक्राफ्ट के जूनोकैम से एक फोटो ली है। नासा के एयरक्राफ्ट की खींची तस्वीर में बृहस्पति के उत्तरी ध्रुव के पास बिजली की चमक नजर आई है। बृहस्पति के आसमान में अमोनिया-पानी के घोल वाले बादलों की वजह से बिजली चमकती है। ये घटना अक्सर बृहस्‍पति के ध्रुवों के पास होती है। नासा ने एयरक्राफ्ट जूनो की ली ये तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है। 
नासा के एयरक्राफ्ट जूनो ने 30 सितंबर 2020 को 31वीं उड़ान के दौरान बृहस्‍पति पर बिजली चमकने की घटना को कैद किया था। नासा के मुताबिक, साइंटिस्‍ट गिल ने जब ये तस्‍वीर ली, तब जूनो 32 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर था। स्‍पेसक्राफ्ट जूनो तस्‍वीर लेने के दौरान करीब 78 डिग्री के अंक्षाश पर था। उस समय जूनो बृहस्‍पति के काफी नजदीक पहुंच गया था। वैज्ञानिकों का कहना है कि जूनो से मिले डाटा के मुताबिक बृहस्पति और पृथ्‍वी पर बिजली चमकने की प्रक्रिया एक जैसी है। पृथ्‍वी और बृहस्‍पति ग्रहों में बहुत अंतर होने के बाद भी आकाशीय बिजली चमकने की प्रक्रिया एक जैसी होना काफी चौंकाने वाला है।
 नासा का जूनो मिशन साल 2016 से बृहस्पति ग्रह से जुड़े आंकड़े जुटा रहा है। बता दें कि आसमान में बिजली तब चमकती है, जब लाखों वोल्ट के बादल धरती से टकराते हैं। इस दोरान धरती और आसमान के बीच हजारों एंपियर की धारा बहने लगती है। इस प्रक्रिया के दौरान तापमान भी बहुत ज्‍यादा होता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ब्रहस्पति ग्रह को सौरमंडल का वैक्यूम क्लीनर भी कहा जाता है। दरअसल, बृहस्‍पति ग्रह अपने नजदीक आने वाले धूमकेतु को निगल जाता है। इससे ये ग्रह पृथ्वी के लिए सुरक्षा उपलब्‍ध कराने का काम भी करता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बृहस्‍पति पृथ्वी की तरफ आने वाले धूमकेतू को खींचकर निगल लेता है और हमारे ग्रह पर आने वाली कई आपदाओं को टल देता है। 
बता दें कि हमारे ग्रह पृथ्‍वी के आसमान में पानी के बादलों से बिजली पैदा होती है। धरती पर बिजली चमकने की घटनाएं ज्‍यादातर बार भूमध्य रेखा के आसपास के इलाकों में होती हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के स्‍पेसक्राफ्ट जूनो ने एक तस्‍वीर खींची है, जिससे पता चलता है कि हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्‍पति के आसमान में भी धरती की ही तरह बिजली कड़कने की घटनाएं होती हैं।