बगैर अनुज्ञापत्र के गौवंश के क्रूरतापूर्वक परिवहन पर एक ट्रक व 22 गौवंश राजसात
नरसिंहपुर परिवहन अनुज्ञापत्र प्राप्त किये बगैर गौवंश के क्रूरतापूर्वक परिवहन किये जाने के एक मामले में जिला दंडाधिकारी सुश्री ऋजु बाफना ने जप्त एक ट्रक और 22 गौवंश राजसात करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 और मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध नियम 2012 के नियम 5 के प्रावधानों के तहत जारी किया गया है।
इस सिलसिले में एक ट्रक क्रमांक एमएच 40 बीजी 8397 और 22 गौवंश को जप्त किया गया था। इस मामले में मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 के तहत थाना प्रभारी पलोहाबड़ा ने प्रतिवेदन जिला दण्डाधिकारी के न्यायालय में प्रस्तुत किया था। प्रकरण में इश्तगाशा के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट, मौका पंचनामा, जप्ती पत्रक, रोजनामचा विवरण, वाहन के दस्तावेज एवं गौशाला की पावती की प्रतियां संलग्न की गई थी।
थाना प्रभारी पलोहाबड़ा के प्रतिवेदन में बताया गया था कि पुलिस द्वारा सूचना के आधार पर घटना स्थल ग्राम चिरहकलां, संजय भदौरिया के खेत के पास उक्त वाहन की जांच की गई। जांच में उक्त खड़ा मिला, जिसमें भड़भड़ाहट की आवाज आ रही थी। ट्रक में तिरपाल रस्सियों से बंधा था एवं ट्रक के अंदर गौवंश गाय- बछड़े क्रूरतापूर्वक बंधे हुए थे और उनके पैर व मुंह रस्सी से बंधे थे। इनकी खाने- पीने की व्यवस्था नहीं थी। वाहन में 22 गौवंश पाये गये, जिन्हें रखरखाव हेतु दयोदय पशु सेवा समिति गाडरवारा की सुपुर्दगी में दिया गया। मौके पर कोई व्यक्ति नहीं मिला। वाहन में उक्त गौवंश परिवहन के कोई वैध दस्तावेज नहीं पाये गये। पुलिस द्वारा जप्ती की कार्रवाई के बाद इश्तगाशा जिला दंडाधिकारी न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अनावेदक मोहम्मद फिरोज पिता मोहम्मद नूर मुसलमान निवासी इब्राहिम मस्जिद के पास येरखेड़ा, कामटी, नागपुर- महाराष्ट्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
उक्त वाहन में परिवहन अनुज्ञा पत्र प्राप्त किये बिना ही गौवंश का क्रूरतापूर्वक परिवहन किया जाना पाया गया। जिन परिस्थितियों में गौवंश का परिवहन किया जा रहा था, उससे स्पष्ट रूप से यह विश्वास योग्य था कि गौवंश का परिवहन वध के प्रयोजन के लिए किया जा रहा था। इन सभी तथ्यों पर एवं कानूनी प्रावधानों पर विचार करते हुए जिला दंडाधिकारी ने उक्त जप्तशुदा वाहन एवं गौवंश शासन के पक्ष में राजसात किये जाने का आदेश पारित किया।
इस संबंध में जिला दंडाधिकारी ने उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें को निर्देश दिये हैं कि जप्तशुदा गौवंश के स्वास्थ्य परीक्षण एवं रखरखाव की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें।