पीएमजीएसवाय की सड़कों के संधारण कार्यों की समीक्षा बैठक सम्पन्न
कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना ने मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की नरसिंहपुर इकाई के अंतर्गत आने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की जिले की ग्रामीण सड़कों के संधारण कार्यों की समीक्षा बैठक गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में ली। बैठक में सड़कों के संधारण कार्य की विस्तार से समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिये गये।
बैठक में कलेक्टर ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के क्षतिग्रस्त मार्गों को निर्धारित समय सीमा में रूचि लेकर तेजी से दुरूस्त कराने के निर्देश दिये, अन्यथा संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। सुश्री बाफना ने इन कार्यों की प्रतिदिन मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि सड़कों के संधारण एवं निर्माण कार्य में कोई समस्या हो, तो अवगत करायें, इस पर तत्काल कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिन सड़कों का संधारण किया जा रहा है, वहां बोर्ड पर कार्य का पूरा विवरण प्रदर्शित किया जाये। कलेक्टर ने एक माह के भीतर पुअर श्रेणी के 44 मार्गों को फेयर श्रेणी में और फेयर श्रेणी के 144 मार्गों को गुड श्रेणी में लाने की सख्त हिदायत प्रभारी अधिकारियों को दी। उन्होंने निर्देशित किया कि ठेकेदारों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जावे, अनावश्यक ठेकेदारों का भुगतान नहीं रोका जावे।
मुख्य महाप्रबंधक मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण श्री एमएल डाबर ने जिले में सड़कों के मेंटेनेंस की स्थिति पर असंतोष प्रकट किया और इनमें तेजी से सुधार लाने के कड़े निर्देश दिये। उन्होंने निर्देशित किया कि बारिश के पहले जिले में सड़कों के संधारण के कार्य पूर्ण किये जायें, अन्यथा संबंधित प्रभारी अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी और कार्य नहीं करने वाले ठेकेदारों को हटाया जायेगा। उन्होंने क्षतिग्रस्त मार्गों के प्राक्कलन तैयार कर तत्काल प्रेषित करने के निर्देश दिये।
बैठक में प्रभारी अधिकारीवार मार्गों के संधारण कार्य की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि जिले में 7 प्रभारी अधिकारी सहायक प्रबंधक/ उप यंत्री के प्रभार में कुल 461 मार्ग हैं। इनमें से पुअर श्रेणी के 44 मार्ग, फेयर श्रेणी के 144 मार्ग, गुड श्रेणी के 266 मार्ग और एक्सलेंट श्रेणी के 7 मार्ग हैं। बैठक में 5 वर्ष की अवधि हेतु संविदाकार की गारंटी के अंतर्गत संधारित मार्गों (डीएलपी) की भी विकासखंडवार विस्तार से समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिये गये। इसी तरह संधारण कार्य के 10 वर्ष एवं 15 वर्ष पूर्ण हो चुके मार्गों की समीक्षा भी की गई। बैठक में महाप्रबंधक, सहायक प्रबंधक, उपयंत्री एवं ठेकेदार मौजूद थे।