गरीब कल्याण के लिए 4 जनवरी का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा : मुख्यमंत्री श्री चौहान
टीकमगढ़ में मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना में 10 हजार 500 परिवारों को होगा 120 करोड़ रूपये के भू-खण्डों का वितरण
मुख्यमंत्री ने मंत्रि-परिषद की बैठक के पहले मंत्रीगण को संबोधित किया
नरसिंहपुर. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि चार जनवरी का दिन गरीब कल्याण के लिए स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। ऐसे गरीब भाई-बहन, जिनके पास रहने की जगह नहीं है उन्हें नि:शुल्क प्लाट उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना में 4 जनवरी को टीकमगढ़ जिले के 10 हजार 500 परिवारों को 120 करोड़ रूपये मूल्य के भूखंडों का वितरण होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यह बात मंत्रि-परिषद की बैठक के पहले, अपने संबोधन में कही। मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे-मातरम गान के साथ आरंभ हुई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि टीकमगढ़ प्रवास के दौरान वहाँ के लोगों ने समस्या बताई थी कि एक-एक मकान में 50-60 लोग रहने को विवश हैं, घर पर रहने की जगह तक नहीं है। इस समस्या का कारण यह है कि परिवार का तो विस्तार हुआ पर रहने का स्थान उतना ही रहा। गरीबी के कारण विस्तारित परिवारों के पास प्लाट या भूमि भी नहीं है। परिणामस्वरूप मकान बनाने की योजना का लाभ भी उनको नहीं मिल सकता। इसीलिए मैंने यह सोचा था कि टीकमगढ़ की धरती पर ही हम ऐसी योजना लाएंगे जिसमें किसी भी वर्ग के गरीब भाई-बहन, जिनके पास रहने की जगह नहीं है, को नि:शुल्क प्लाट उपलब्ध कराया जाएगा। इन प्लाटों पर वे अपना घर बना सकेंगे और अन्य योजनाओं का लाभ भी ले सकेंगे।
मुख्य़मंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह अपने आप में अद्भुत योजना है। योजना में जमीन का पट्टा पति-पत्नी के नाम पर होगा। उन्हें कोई प्रीमियम नहीं देना होगा, जमीन पूरी तरह से नि:शुल्क मिलेगी और भू-खण्ड के साथ बाकी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हर जिले में ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे गरीब भाई–बहनों को प्लाट उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जिन भाई और बहनों को यह प्लॉट मिल रहे हैं, उन्हें शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि राज्य सरकार का यही उद्देश्य है कि सभी सुखी रहें। यह उनका अधिकार भी है। उन्होंने कहा कि भगवान ने इस धरती पर जिन्हें भेजा है, उनको रहने की जगह भी मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना उनकी इस जरूरत को पूरा करेगी।